बुधवार, 30 सितंबर 2015

रविवार, 20 सितंबर 2015

7th Pay commission report Likely to be submitted on or before 14.12.15.

7th Pay commission.
latest news.
Likely to be submitted on or before 14.12.15.

1. Minimum pay 21000/-
2. No grade pay system and open ended scales.
3. Retirement - 33yrs of service or 60yrs of age whichever is earlier.
4. HRA 30% CCA to be reinforced.
5. Categories of posts to be modified.
6.Date of effect from 1.1.2016.
7. Calculations 2.86 x basic pay agreed.
Source www.staffnews.com

7th CPC joint draft memorandum submitted on by the member of CPC from  DOPT, MHA, MEA and DS&T etc with recommendations to implement w.e.f. 1st January 2016.                            Member (attached 26 pages report) Pay scale are calculated on the basis of pay drawn in PB including GP multiply by the factor 2.15 and new basic pay will be (old PB+GP)*2.15 (.) Pension and family pension multiply factor should be 2.50.                                     Member (attached 14 pages report) annual rate of increment divided  into five categories(A) 2500 for fixed basic (B) 1500 for class 1(C) 1200 for class 2 (D) 1000-Group A,800-Group B,600-Group C for class 3 (E) 400 for class 4 annually.                             Member(attached 32 pages report) The present MACPs scheme should be replaced by giving 4 up gradation after completion of 10,18,25,30 years of continues service.               Member (attached 28 pages report) house rent allowance should be as it was in 6th CPC and date of increment should be 1st January    in place of 1st July w.e.f. 01-01-2016 and house building advance should be 50 times of new basic pay.                                      Member (attached 12 pages report) Transport allowance should be 10% of new basic pay+DA in X class cities and 5% of new basic pay+DA in Y class cities.      Member (attached 38 pages report) (a)All India transfer allowance @5% of new basic pay per month to only those who have completed minimum three postings in different three States.    (b)Maximum service length 31years,Maximum age 60 years for retirement from service with condition whichever is early. (c)Pata military special pay should be @5% of new basic pay to only those who have completed minimum three years service either in NE region or J&K region.                       Member (attached 24 pages report) New pay scale .Old PB-1,GP-1800 New pay scale are 15000-33600,Old PB-1,GP-1900&2000 New pay scale are 21500-40100,Old PB-1, GP-2400&2800 New pay scale are 25000-43600. Old PB-2, GP-4200 New pay scale are 30000-54800, Old PB-2, GP-4600&4800 New pay scale are 40000-71000,Old PB-2,GP-5400 New pay scale are 45000-90000,Old PB-3.GP-6600 New pay scale are 52000-100000. Old GP-7600 New pay scale are 60000-110000. Old GP-9000 New pay scale are 75000-125000.....

क्या आपकी नौकरी कम कर देगा सातवाँ वेतन आयोग


सावधान :आपकी नौकरी कम कर देगा सातवाँ वेतन आयोग:-
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एसएनबी नई दिल्ली -सातवाँ वेतन आयोग करेगा मोदी सरकार की राह आसान,कर्मचारियों की 33 साल की नौकरी या 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति करने की सिफारिश | सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 60 से घटाकर 58 साल की करने की हिम्मत न तो यूपीए सरकार जुटा पायी और न ही मोदी सरकार जुटा पा रही है लेकिन सातवाँ वेतन आयोग सरकार की मुश्किल आसान करने वाला है |
आयोग अपनी सिफारिश में सरकारी कर्मचारियों की सेवाकाल अवधि 33 साल या सेवानिवृत्ति 60 करने जा रहा है | यानी 18 से 26 साल की उम्र के बीच नौकरी पाए अधिकारी,कर्मचारी स्वत: ही सेवानिवृत्त हो जायेंगे और सरकार को भी बुराई मोल नहीं लेनी पड़ेगी |
करीब 70 लाख कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं | सातवाँ वेतन आयोग लागू होने से सभी को कुछ न कुछ मिल ही जाता है | छठे वेतन आयोग ने निदेशक स्तर के अधिकारियों की झोली भर दी थी,इस बार किसी न किसी रैंक को लाभ होगा |
आयोग अन्य सिफारिशों के साथ सबसे महत्वपूर्ण सिफारिश कर्मचारियों की सेवानिवृति को लेकर कर रहा है | सूत्रों का कहना है कि आयोग सेवाकाल 33 साल तक सीमित कर देगा | अभी तक की व्यवस्था के अनुसार सेवानिवृति की उम्र 60 साल है | जो व्यक्ति 18 साल, 20,साल,या 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है उसका सेवाकाल अधिकतम 40 साल का हो जाता है | आयोग सिफारिश कर रहा है कि या तो 33 साल की नौकरी हो या सेवानिवृत्ति 60 साल की उम्र हो,| इन दोनों में जो भी पहले हो उसी हिसाब से कर्मचारी सेवानिवृत होगा |
यूपीए सरकार के समय से ही सेवानिवृत्ति की उम्र 60 सेघटाकर 58 करने की थी लेकिन आम चुनावों में सरकारी कर्मचारियों के गुस्से से बचने के लिए सरकार ने उस प्रस्ताव को आगे नहीं बढाया परन्तु सातवाँ वेतन आयोग का गठन जरूर कर दिया | सूत्रों का कहना है कि वेतन आयोग वेतनमानों की पुरानी प्रणाली लागू करने की सिफारिश कर रहा है | छठवें वेतन आयोग ने वेतनमानों को स्थिर रखकर ग्रेड पे प्रणाली शुरू कर दी थी जिससे कर्मचारियों की तनख्वाह में काफी भेदभाव हो गया था | इस बार आयोग पुरानी प्रणाली को लागू करेगा |

केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतन में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया

केन्द्रीय कर्मचारियों को Good News केन्द्र सरकार ने कल केबिनेट की बैठक में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक 01/01/ 2015से मान्य होगा |

अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा |

शुक्रवार, 18 सितंबर 2015

सातवें वेतन आयोग में 2004 से बंद फैमिली पेंशन फिर शुरू कर सकती है सरकार

सातवें वेतन आयोग में 2004 से बंद फैमिली पेंशन फिर शुरू कर सकती है सरकार

केंद्र और राज्यों के 33 लाख कर्मचारियों के लिए यह अच्छी खबर है। सरकार उन्हें अगले साल से फैमिली पेंशन देने पर विचार कर रही है। सातवें वेतन
आयोग की सिफारिशों में इसका प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसे मंजूरी
मिलने के बाद कर्मचारियों को इसका लाभ 1 जनवरी 2016 से मिल सकता है।
अभी अप्रैल, 2004 के बाद सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए अफसर से लेकर कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन मिलती है, जबकि इससे पहले के कर्मचारियों
को फैमिली पेंशन मिल रही है।
इसमें न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत भर्ती हुए कर्मचारियों की परेशानी यह है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी या नहीं, यह तय ही नहीं है।
इसके तहत उनके वेतन से 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार के अंश की होती है। रिटायरमेंट तक यह राशि काटी जाएगी जिसमें से 70 प्रतिशत राशि
कर्मचारी को नकद दी जाएगी और बाकी 30 प्रतिशत पेंशन फंड के लिए जमा किए जाने का प्रावधान है जिसमें से उन्हें जीवित रहने तक आंशिक पेंशन
दिया जाना है।
अभी यह है प्रावधान : अभी अप्रैल, 2004 से पहले नौकरी में भर्ती हुए कर्मचारियों को फैमिली पेंशन मिल रही है। इसमें पेंशन के नाम पर उनके वेतन से कोई
राशि नहीं काटी जाती है। रिटायरमेंट के वक्त अंतिम माह को जो वेतन देय होता है, उसकी 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में तय हो जाती है। यह राशि
उन्हें जीवित रहने तक मिलती है और उसके बाद आश्रित को ट्रांसफर हो जाती है।
13 लाख से ज्यादा भर्तियां
केंद्र में अप्रैल 2004 से अब तक 13 लाख 46 हजार 862 भर्तियां हुईं, वहीं राज्यों में यह संख्या 19 लाख 58 हजार 378 है। इनमें मप्र में हुई भर्तियां 62 हजार हैं। इन
कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन का प्रावधान है। इनके वेतन से हर महीने काटी जा रही 10 प्रतिशत राशि के अलावा इतनी ही राशि सरकार
मिला रही है। इस फंड में एनएसडीएल के पास अब तक तक 42 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में यह माना जा रहा है कि न्यू पेंशन स्कीम को रिवाइज किया जाएगा, जिसे फैमिली पेंशन में परिवर्तित किए जाने
की पूरी उम्मीद है। ऐसी हमारी लगातार मांग भी रही है। यदि केंद्र इस सिफारिश को मानता है तो इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का फायदा
होगा। -केकेएन कुट्टी, अध्यक्ष, केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ, नईदिल्ली
- सरकारी सेवाओं में 1 अप्रैल 2004 से फैमिली पेंशन खत्म कर दी गई थी। सरकार का यह कदम ठीक नहीं था। पेंशन ही एक ऐसा आकर्षण है, जो लोगों को
सरकारी सेवाओं में आने के लिए आकर्षित करता है। सातवें वेतन आयोग में इसकी अनुशंसा करता है और केंद्र इसे मानता है तो कर्मचारियों के हित में
फायदेमंद होगा। केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश
इसलिए पड़ी जरूरत
पिछले 11 साल से सरकार में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर सोशल सिक्युरिटी के रूप में मिलने वाली पेंशन का कोई प्रावधान नहीं
है। इससे सरकारी सेवाओं में आने वाले युवाओं का रुझान भी घटा। यह इससे साफ होता है कि 1 अप्रैल 1994 से 1 अप्रैल 2004 के बीच जहां 50 लाख से ज्यादा
लोग नौकरी में आए। वहीं, पेंशन खत्म होने के बाद सिर्फ 33 लाख लोग ही नौकरी में आए।
यदि केंद्र फैमिली पेंशन की अनुशंसा को स्वीकार करता है तो हम इसे राज्य में लागू करने पर विचार करेंगे।

Yogyata abvridhi , information revision form

योग्यता अभिवृद्धि फॉर्म, संशोधन फॉर्म

रविवार, 13 सितंबर 2015

मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -

मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -

®हाथ पांव फूलना- समय पर दारू का ना मिलना
®ऊंट के मुंह मे जीरा-दारू कम पड़ जाना
®कलेजा ठंडा होना-
एक पैग गले के नीचे उतरना
®मुंह मीठा करना- पहली बार किसी को दारू पिलाना
®हाथ साफ करना-पार्टी में दारू की बोतल धीरे से पार कर देना
®नेकी कर दरिया मे डाल-फ्री में दोस्तो को पिलाना
®आँख फड़कना- नशा उतरते जाना
®आँख लाल करना-फुल टून्न हो जाना
®अंधे की लकड़ी- कोई फ्री दारू पिलाने वाला मिल जाना
®अंगारो पर पैर रखना-दारू पीकर घर जाना
®आकाश के तारे तोड़ना- ठेके की लाईन में पहले स्थान पर होना
®तिल का ताड़ बनाना-
दारू पीकर उपदेश देना
®ठन ठन गोपाल- दारू पीने के लिए पैसा न होना
®दम मे दम आना-दारू के साथ चखना जुगाड़ हो जाना
®छाती पर सांप लोटना-बिना जानकारी ठेका बंद हो जाना
®काम तमाम करना-पूरी बोतल खतम करना

शनिवार, 12 सितंबर 2015

घरेलु टिप्स

छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स हम सभी को कभी न कभी परेशान करती है। ऐसे में कभी जानी-पहचानी गोली खाकर तो कभी दर्द या समस्या को छोटी मानकर उसे सहन करते रहते हैं। यदि आपको भी कभी न कभी ऐसी छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स परेशान करती हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे घरेलू नुस्खे जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह काम करते हैं।

1. दो-चार लौंग पीसकर उसका सिर पर लेप लगाने से सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है। नमक में दो बूंद लौंग का तेल डालकर उस पेस्ट को सिर पर लगाएं बहुत जल्दी आराम मिलेगा।

2. स्किन रूखी और बेजान लगती हो तो जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर की मालिश कर गुनगुने पानी से नहाएं। दूध को केसर में मिलाकर पीएं, रूप निखर जाएगा।

3. संतरे के छिलकों का महीन चूर्ण बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं और चेचक के दाग भी दूर होते हैं।
नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
4. अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ नदारद हो जाएगी, साथ ही बाल झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है।

5. घाव के पक जाने पर आक की पत्तियों की सतह पर सरसों तेल लगाकर घाव पर लगाने से घाव फूटकर मवाद बाहर निकल आता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।

6. एक दिन में 8 - 9 केले तीन से चार दिन तक खाएं आर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द कम हो जाएगा।

7. कब्ज होने पर रात को सोते समय 10 मनुक्का दूध में उबाल कर खाएं और ऊपर से वही दूध पी लें। ज्यादा कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।

8. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है। 
10. व्हीट-ग्रास का जूस सुबह खाली पेट पीने से चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है और खून भी साफ होता है।

11. बालों में रूसी होने पर मेथी दानों का पेस्ट बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें और बालों को सूती कपड़े से हल्का-हल्का मालिश कर सुखा लें, रूसी दूर हो जाएगी।

12. धनिया और जीरा और चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त या एसिडिटी के कारण होने वाली जलन शांत हो जाती है।

13. रोजाना सुबह एक से दो लहसुन की साबूत कलियां पानी से निगल लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय

जानिये भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय

1. अलबर्ट आइन्स्टीन - हम भारत के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें गिनती सिखाई, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज संभव नहीं हो पाती।

2. रोमां रोलां (फ्रांस) - मानव ने आदिकाल से जो सपने देखने शुरू किये, उनके साकार होने का इस धरती पर कोई स्थान है, तो वो है भारत।

3. हू शिह (अमेरिका में चीन राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक सांस्कृतिक धरातल पर चीन को जीता और उसे प्रभावित भी किया।
...
4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे की किस आकाश के तले मानव मन अपने अनमोल उपहारों समेत पूर्णतया विकसित हुआ है, जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ जिन्होंने प्लेटो और कांट का अध्ययन किया, तो मैं भारत का नाम लूँगा।

5. मार्क ट्वेन- मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान और सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में है।

6. आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।

7. हेनरी डेविड थोरो - प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी ‪#‎गीता‬ के तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।

8. राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत #गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है।

9. विल्हन वोन हम्बोल्ट- #गीता एक अत्यंत सुन्दर और संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत वस्तु है जिस पर सारी दुनिया गर्व कर सकती है।

10. एनी बेसेंट -विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं।

ज़हर क्या है

किसी ने बुद्ध से पुछा..
"ज़हर क्या है"..?
बुद्ध ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...
"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
आवश्यकता से अधिक होती है
वही ज़हर है"..
फ़िर चाहे वो ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो, अभिमान हो, आलस हो, महत्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..
आवश्यकता से अधिक
"ज़हर" ही है..

बुराई का खाता


एक राजा ब्राह्मणों को
लंगर में भोजन करा रहा
था।
तब पंक्ति के अंत मैं बैठे एक
ब्राम्हण को भोजन
परोसते समय एक चील
अपने पंजे में एक मुर्दा
साँप लेकर राजा के उपर से
गुजरी। और उस मुर्दा साँप
के मुख से कुछ बुंदे जहर की
खाने में गिर गई। किसी
को कुछ पत्ता नहीं चला।
फल स्वरूप वह ब्राह्मण
जहरीला खाना खाते हीं
मर गया। अब जब राजा
को सच का पता चला तो
ब्रम्ह हत्या होने से उसे
बहुत दुख हुआ।
मित्रों ऐसे में अब ऊपर बैठे
यमराज के लिए भी यह
फैसला लेना मुश्किल हो
गया कि इस पाप-कर्म का
फल किसके खाते में
जायेगा ???
राजा... जिसको पता ही
नहीं था कि खाना
जहरीला हो गया है..
या
वह चील... जो जहरीला
साँप लिए राजा के उपर से
गुजरी...
या
वह मुर्दा साँप... जो पहले
से मर चुका था...
दोस्तों बहुत दिनों तक
यह मामला यमराज की
फाईल में अटका रहा।
फिर कुछ समय बाद कुछ
ब्राह्मण राजा से मिलने
उस राज्य मे आए। और
उन्होंने किसी महिला से
महल का रास्ता पूछा...
तो उस महिला ने महल का
रास्ता तो बता दिया,
पर रास्ता बताने के साथ-
साथ ब्राम्हणों से ये भी
कह दिया कि देखो भाई...
"जरा ध्यान रखना, वह
राजा आप जैसे ब्राह्मणों
को खाने में जहर देकर मार
देता है।"
बस मित्रों जैसे ही उस
महिला ने ये शब्द कहे
उसी समय यमराज ने
फैसला ले लिया कि उस
ब्राह्मण की मृत्यु के पाप
का फल इस महिला के खाते
में जाएगा और इसे उस पाप
का फल भुगतना होगा।
यमराज के दूतों ने पूछा
प्रभु ऐसा क्यों ? जबकि
उस ब्राम्हण की हत्या में
उस महिला की कोई
भूमिका भी नही थी।
तब यमराज ने कहा कि
भाई देखो जब कोई
व्यक्ति पाप करता हैं तब
उसे आनंद मिलता हैं। पर
उस ब्राम्हण की हत्या से
न तो राजा को आनंद
मिला न मरे हुए साँप को
आनंद मिला और न ही उस
चील को आनंद मिला... पर
उस पाप-कर्म की घटना
का बुराई करने के भाव से
बखान कर उस महिला को
जरूर आनंद मिला। इसलिये
राजा के उस अनजाने पाप-
कर्म का फल अब इस
महिला के खाते में जायेगा।
बस मित्रों इसी घटना के
तहत आज तक जब भी कोई
व्यक्ति जब किसी दुसरे के
पाप-कर्म का बखान बुरे
भाव से (बुराई) करता हैं,
तब उस व्यक्ति के पापों
का हिस्सा उस बुराई
करने वाले के खाते में भी
डाल दिया जाता हैं।
दोस्तों अक्सर हम जीवन
में सोचते हैं कि जीवन में
ऐसा कोई पाप नही
किया फिर भी जीवन में
इतना कष्ट क्यों आया ?
दोस्तों ये कष्ट और कहीं से
नही बल्कि लोगों की
बुराई करने के कारण उनके
पाप-कर्मो से आया होता
हैं जिनको यमराज बुराई
करते ही हमारे खाते में
ट्रांसफर कर देते हैं।
इसलिये दोस्तों आज से ही
संकल्प कर लो कि किसी के
भी पाप-कर्मों का बखान
बुरे भाव से नही करना,
यानी किसी की भी
बुराई नही करनी हैं।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

Demerits of technology

Facts of life

When TV came to my house.
I forgot how to read books.
When the car came to my doorstep, I forgot how to walk.
When I got the mobile in my hand, I forgot how to write letters.
When computer came to my house, I forgot spellings.
When the A C came to my house, I stopped going under the tree for cool breeze
When I stayed in the city, I forgot the smell of mud.
By dealing with banks, I forgot the value of money.
With the smell of perfume, I forgot the fragrance of fresh flowers.
With the coming of fast food, I forgot to cook dal and rice.
Always running around, I forgot how to stop.
And lastly when I got watsapp, I forgot how to sleep...

अपना घर भी तो देखना.

माँ फोन पर बेटी से :- क्या दिया भाई ने राखी
पर ?
बेटी :- एक साड़ी दी है, होगी हजार-बारा सौ की.
माँ तुम्हें तो पता है
भैय्या तो दिल का साफ है वो बहुत कुछ करना
चाहता है लेकिन भाभी
रोक देती है. वही लायी होगी इतनी सस्ती साड़ी.
साल में एक बार तो
देना होता है उसमें भी कंजूसी दिखा देती है.
माँ :- खैर छोड़ो.. क्या उसकी बातें करना. तु बता
कल तेरी ननद आने
वाली है. हो गई तैय्यारी. कर ली शॉपिंग.
बेटी :- हाँ , माँ हो गई शॉपिंग. ये तो कह रहे थे मीनू
तीन साल में आ
रही है. हम 5000 का लिफाफा दे देते है. समझाया
मैंने इनको. इतना
करने की क्या जरूरत है. चार दिन रूकेंगी भी.
खाने-पीने पर खर्चा होगा
फिर बच्चों के हाथ में भी पैसे देने होंगे. हमें अपना
घर भी तो देखना.
800 का सूट ले आयी हूं. बड़ा अच्छा डिजाईन है.
माँ :- अच्छा किया बेटा. पहले अपना घर देखो.
( रक्षाबंधन की बधाईयाँ. )

Impossible

"Impossible"   को
गौर  से  देखो वो
खुद कहता है
""I  m  Possible""

"उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
"अपनी हँसी को होंठों से न  जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है...!!!

Be positive...Be Happy

CO-INCIDENCE OF LIFE:

CO-INCIDENCE OF LIFE:

1. MASJID has 6 letters so does TEMPLE and CHURCH.

2. QURAN has 5 letters so does GEETA and BIBLE.

3. LIFE has 4 letters so does DEAD.

4. HATE has 4 letters, so does LOVE.

5. ENEMIES has 7, so does FRIENDS.

6. LYING has 5, so does TRUTH.

7. HURT has 4, so does HEAL.

8. NEGATIVE has 8, so does POSITIVE.

9. FAILURE has 7, so does SUCCESS.

10. BELOW has 5, so does ABOVE.

11. CRY has 3 letters so does JOY.

12. ANGER has 5 so does HAPPY.

13. RIGHT has 5 so does WRONG.

14. RICH has 4 so does POOR.

15. FAIL has 4 so does PASS

16. KNOWLEDGE has 9 so does IGNORANCE.

Are they all by Co-incidence?
Plz read full msg
5ive undeniable Facts
of Life :

1.
Don't educate 
your children
to be rich.
Educate them
to be Happy.
So when
they grow up
they will know
the value of things
not the price

2.
Best awarded words
in London ...

"Eat your food
as your medicines.
Otherwise
you have to
eat medicines
as your food"

3.
The One
who loves you
will never leave you
because
even if there are
100 reasons
to give up
he will find
one reason
to hold on

4.
There is
a lot of difference
between
human being
and being human.
A Few understand it.

5.
You are loved
when you are born.
You will be loved
when you die.
In between
You have to manage...!

Nice line from Ratan Tata's Lecture-

If u want to Walk Fast,
Walk Alone..!
But
if u want to Walk Far,
Walk Together..!!

Six Best Doctors in the World-
          1.Sunlight
              2.Rest
          3.Exercise
             4.Diet
   5.Self Confidence
                   &
          6.Friends
Maintain them in all stages of Life and enjoy healthy life

If   you   see   the   moon ..... You   see    the    beauty    of    God .....   If    you   see    the   Sun ..... You   see    the    power   of    God .....   And ....    If   you   see   the   Mirror ..... You   see     the    best    Creation of   GOD .... So    Believe   in     YOURSELF..... :) :) :).

We all are tourists & God is our travel agent who
already fixed all our Routes Reservations & Destinations
So!
Trust him & Enjoy the "Trip" called LIFE...

send to all people who are important to you...
I just did.

जो बीत गई सो बात गई


जो बीत गई सो बात गई

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अंबर के आंगन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फ़िर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुबन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ
जो मुरझाईं फ़िर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आंगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई

मृदु मिट्टी के बने हुए हैं
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन ले कर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फ़िर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घट हैं,मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई

- H.R.Bachhan
   

अहंकार की कथा .....

अहंकार की कथा .....
श्रीकृष्ण भगवान द्वारका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन
पर विराजमान थे, निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए
थे। तीनों के चेहरे पर दिव्य तेज झलक रहा था। बातों ही बातों
में रानी सत्यभामा ने श्रीकृष्ण से पूछा कि हे प्रभु, आपने
त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया था, सीता आपकी
पत्नी थीं। क्या वे मुझसे भी ज्यादा सुंदर थीं? द्वारकाधीश
समझ गए कि सत्यभामा को अपने रूप का अभिमान हो गया है।
तभी गरुड़ ने कहा कि भगवान क्या दुनिया में मुझसे भी ज्यादा
तेज गति से कोई उड़ सकता है। इधर सुदर्शन चक्र से भी रहा
नहीं गया और वह भी कह उठे कि भगवान, मैंने बड़े-बड़े युद्धों में
आपको विजयश्री दिलवाई है। क्या संसार में मुझसे भी
शक्तिशाली कोई है?
भगवान मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जान रहे थे कि उनके इन तीनों
भक्तों को अहंकार हो गया है और इनका अहंकार नष्ट होने का
समय आ गया है।
ऐसा सोचकर उन्होंने गरुड़ से कहा कि हे गरुड़! तुम हनुमान के
पास जाओ और कहना कि भगवान राम, माता सीता के साथ
उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। गरुड़ भगवान की आज्ञा लेकर
हनुमान को लाने चले गए।
इधर श्रीकृष्ण ने सत्यभामा से कहा कि देवी आप सीता के रूप
में तैयार हो जाएं और स्वयं द्वारकाधीश ने राम का रूप धारण
कर लिया। मधुसूदन ने सुदर्शन चक्र को आज्ञा देते हुए कहा
कि तुम महल के प्रवेश द्वार पर पहरा दो। और ध्यान रहे कि
मेरी आज्ञा के बिना महल में कोई प्रवेश न करे।
भगवान की आज्ञा पाकर चक्र महल के प्रवेश द्वार पर तैनात
हो गए। गरुड़ ने हनुमान के पास पहुंच कर कहा कि हे
वानरश्रेष्ठ! भगवान राम माता सीता के साथ द्वारका में आपसे
मिलने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। आप मेरे साथ चलें। मैं
आपको अपनी पीठ पर बैठाकर शीघ्र ही वहां ले जाऊंगा। हनुमान
ने विनयपूर्वक गरुड़ से कहा, आप चलिए, मैं आता हूं।
गरुड़ ने सोचा, पता नहीं यह बूढ़ा वानर कब पहुंचेगा। खैर मैं
भगवान के पास चलता हूं। यह सोचकर गरुड़ शीघ्रता से द्वारका
की ओर उड़े। पर यह क्या, महल में पहुंचकर गरुड़ देखते हैं कि
हनुमान तो उनसे पहले ही महल में प्रभु के
सामने बैठे हैं। गरुड़ का सिर लज्जा से झुक गया।
तभी श्रीराम ने हनुमान से कहा कि पवन पुत्र तुम बिना आज्ञा
के महल में कैसे प्रवेश कर गए? क्या तुम्हें किसी ने प्रवेश
द्वार पर रोका नहीं? हनुमान ने हाथ जोड़ते हुए सिर झुका कर
अपने मुंह से सुदर्शन चक्र को निकाल कर प्रभु के सामने रख
दिया। हनुमान ने कहा कि प्रभु आपसे मिलने से मुझे इस चक्र
ने रोका था, इसलिए इसे मुंह में रख मैं आपसे मिलने आ गया।
मुझे क्षमा करें। भगवान मंद-मंद मुस्कुराने लगे। हनुमान ने हाथ
जोड़ते हुए श्रीराम से प्रश्न
किया हे प्रभु! आज आपने माता सीता के स्थान पर किस दासी
को इतना सम्मान दे दिया कि वह आपके साथ सिंहासन पर
विराजमान है। अब रानी सत्यभामा के अहंकार भंग होने की बारी
थी। उन्हें सुंदरता का अहंकार था, जो पलभर में चूर हो गया था।
रानी सत्यभामा, सुदर्शन चक्र व गरुड़ तीनों का गर्व चूर-चूर
हो गया था। वे भगवान की लीला समझ रहे थे। तीनों की आंख से
आंसू बहने लगे और वे भगवान के चरणों में झुक गए। अद्भुत
लीला है प्रभु की।
हे परम इस्नेही मित्रो ..जब इन तीनो का अहंकार चूर चूर हो
गया तो इन तीनो के सामने हम अपने आपको किस जगह पाते है
...? विचार करना ... जय श्री राधे..जय श्री कृष्ण ...