बुधवार, 31 मई 2017

सुखमय वृद्धावस्था के लिए

45 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस सन्देश को सावधानी पूर्वक पढ़ें, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है।_

*सुखमय वृद्धावस्था के लिए

*1* अपने स्वयं के स्थायी स्थान पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें!

*2* अपना बैंक बेलेंस और भौतिक संपत्ति अपने पास रखें! अति प्रेम में पड़कर किसी के नाम करने की ना सोचें।

*3* अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है और कभी कभी चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर पाते।

*4* उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल रखें जो आपके जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हैं , यानी सच्चे हितैषी हों।

*5* किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें!

*6* अपनी संतानों के जीवन में दखल अन्दाजी ना करें, उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप अपने तरीके से अपना जीवन जीएँ!

*7* अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें।

*8* लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें।

*9* प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, यहाँ तक कि भगवान से भी नहीं। अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी और हिम्मत!

*10* अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें, चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टिक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें! छोटे कष्टों पर ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी मोटी शारीरिक परेशानीयां चलती रहती हैं।

*11* अपने जीवन को उल्लास से जीने का प्रयत्न करें खुद प्रसन्न रहने की चेष्टा करें और दूसरों को प्रसन्न रखें।

*12* प्रति वर्ष  अपने जीवन  साथी केे साथ भ्रमण/ छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जाएं,  इससे आपका जीने का नजरिया बदलेगा!

*13* किसी भी टकराव को टालें एवं तनाव रहित जीवन जिऐं!
  
*14* जीवन में स्थायी कुछ भी नहीं है चिंताएं भी नहीं इस बात का विश्वास करें !

*15* अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को रिटायरमेंट तक  पूरा कर लें, याद रखें जब तक आप अपने लिए जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं!

_*खुशनुमा जीवन की शुभकामनाओं के साथ*_

बुधवार, 17 मई 2017

How to feed in IHRMS (Integrated Human Resource Management System),


प्र.1   IHRMS क्या है ?
ऊ.
IHRMS (Integrated Human Resource Management System), राजस्थान सरकार, स्थानीय निकाय, स्वशासी संस्थान एवं पंचायती राज संस्थान के समस्त अधिकारी/कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका (Service Book) मे दर्ज सभी सूचनाए तथा पैंशनर्स की महत्वपूर्ण सूचनाओं को इलेक्ट्रोनिक रूप मे संधारित करने की एक महत्वपूर्ण परियोजना हैै

ऊ.
भारत सरकार के 13 वें वित्तीय आयोग की सिफ़ारिश पर तथा वर्तमान राज्य सरकार द्वारा, माननीय मुख्य मंत्री महोदया के सुराज संकल्प के बिन्दु संख्या 12.04 “कर्मचारियो के सेवा रिकॉर्ड का कंप्यूटरीकरण किया जाए“ की अनुपलना मे इस परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है
प्र.3  राज्य नोडल अधिकारी के दायित्व क्या है ।
ऊ.
प्रत्येक विभाग मे एक राज्य नोडल अधिकारी होंगे, जिनके प्रमुख दायित्व निम्न है :-
राज्य सरकार (DoP) द्वारा इस परियोजना के सफल किर्यान्वयन हेतु जारी दिशा निर्देशों की अपने विभाग ने अनुपलना सुनिश्चित करना ।
तकनीकी समस्याओं हेतु NIC के अधिकारी जो IHRMS मे कार्यरत है, से संपर्क कर, उनका निराकरण करवाना ।
अपने विभाग के समस्त अधिकारी/कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका (Service Book) मे दर्ज सभी सूचनाओ को IHRMS मे दर्ज करवा कर इस परियोजना को सफल बनाना ।
प्र.4  इसमे किस प्रकार से कार्य किया जा सकता है ?
ऊ.

एक कम्प्युटर जिस पर इंटरनेट की सुविधा हो, पर http://ihrms.raj.nic.in, वैबसाइट के माध्यम से इसमे कार्य किया जा सकता है

प्र.5  यदि अधिकारी/कर्मचारी स्वयं अपना डाटा डालना चाहे, तो उसे क्या करना होगा ।
ऊ.

  SIPF विभाग के द्वारा हर अधिकारी/कर्मचारी को एक 16 अंको का ID दिया गया है, वही उनका User ID तथा पासवर्ड है
प्र.6  क्या DDO अपने अधीन अधिकारी/कर्मचारी का डाटा डाल सकते हैं ?
ऊ.

हाँ, DDO को Pay Manager (IFMS) मे दी गई ID का उपयोग User ID तथा पासवर्ड के रूप मे कर डाटा प्रविष्ठ किया जा सकता हैं
प्र.7  क्या डाटा एंट्री ऑपरेटर या अन्य किसी कम्प्युटर जानने वाले व्यक्ति के द्वारा विभाग के अधिकारी/कर्मचारीयों का डाटा डाला जा सकता   है ?
ऊ.

हाँ, DDO को Pay Manager (IFMS) मे दी गई ID के बाद deo शब्द का उपयोग User ID तथा पासवर्ड के रूप मे कर डाटा प्रविष्ठ किया जा सकता है । यथा 12345678 किसी DDO की ID है तो डाटा एंट्री ऑपरेटर की User ID 12345678deo होगी ।
प्र.8  पासवर्ड भूल जाने पर क्या किया जाए ?
ऊ.

पासवर्ड भूलने की स्थिति मे लॉगिन ऑप्शन का उपयोग करने पर रीसेट पासवर्ड पर क्लिक करे । पेज पर दिये हुए फील्ड्स को भर कर रीसेट पासवर्ड पर क्लिक करने से पासवर्ड रीसेट हो जाएगा ।
प्र.9  कर्मचारी को IHRMS से क्या सुविधा होगी ?
ऊ.

कर्मचारी को निम्न सुविधा होंगी :-
स्वयं से संबन्धित समस्त सूचनाए एक स्थान पर उपलब्ध होंगी, यथा पे-स्लिप, GA-55, SIPF की कटोती का विवरण, अवकाश, स्थानांतरण, पदोन्नति, वेतन परिलाभ आदि ।
ऑनलाइन सेवा सत्यापन ।
सेवा-निवृत्ति पर डिजिटल सेवा पुस्तिका (Service Book)
प्र.10  पैंशनर्स को IHRMS से क्या सुविधा होगी ?
ऊ.

पैंशनर्स को स्वयं से संबन्धित समस्त सूचनाए एक स्थान पर उपलब्ध होंगी, यथा पैंशन भुगतान, पैंशन पुनः निर्धारण, पैंशन वृद्धधी आदि । पैंशनर्स को कोष कार्यालय अथवा बैंक से संपर्क करने की आवश्यकता कम से कम रहेगी ।
प्र.11  क्या इसमे अधिकारी/कर्मचारियों का कुछ डाटा पहले से उपलब्ध है ?
ऊ.

जिन अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन Pay Manager (IFMS) के माध्यम से दिया जा रहा है उन सभी अधिकारी/कर्मचारियों का कुछ डाटा इसमे उपलब्ध है ।
प्र.12  जिन अधिकारी/कर्मचारियों का कुछ डाटा पहले से उपलब्ध नहीं है, उन्हे क्या करना है ?
ऊ.

Pay Manager (IFMS) के अतिरिक्त वेतन पाने वाले अधिकारी/कर्मचारी अपने डाटा को IHRMS मे प्रविष्ट करने से पूर्व उन्हे IHRMS Help Desk पर संपर्क करना चाहिए, जो कमरा संख्या 7010, फूड बिल्डिंग, शासन सचिवालय, जयपुर, राजस्थान से संचालित की जा रही है ।
संपर्क करने हेतु support-ihrms-rj@nic.in पर eMail अथवा दूरभाष संख्या 0141-5153222-21914 पर बात की जा सकती है

प्र.13  क्या डाटा एन्ट्री हिन्दी भाषा मे की जा सकती है ?
ऊ.

हाँ, IHRMS वैबसाइट पर उपलब्ध हिन्दी टूल किट को अपने कम्प्युटर पर डाउनलोड कर हिन्दी फॉन्ट स्थापित किया जा सकता है । Alt+Shift keys के उपयोग से भाषा परिवर्तन किया जा सकता है
प्र.14  IHRMS मे क्या सूचनाए भरनी है ?
ऊ.

इसमे अधिकारी/कर्मचारी की सामान्य जानकारी के अतिरिक्त उसकी नियुक्ति, शारीरिक मापदंड, शेक्षणिक योग्यता, परिवार का विवरण, नामित सदस्य, अवकाश, पदोन्नति, वेतन परिलाभ, विभिन्न पदस्थान, पुरुस्कार, विभागीय जांच, न्यायायिक मामले, प्रशिक्षण, ACR/APR आदि से संबन्धित सूचनाए भरी जानी है
.15  क्या IHRMS मे चाही गयी समस्त सूचनाए भरना जरूरी है ?
ऊ.

हाँ, परंतु पुराने लिगेसी डाटा मे बहुत अधिक समय न लगा कर पहले सर्विस हिस्ट्री, अवकाश, विभगीय जाच तथा नॉमिनी की एन्ट्री जरूर करनी चाहिए
प्र.16  IHRMS मे भरी गयी सूचनाए, प्रमाणित (validate) मानी जाएंगी ?
ऊ.

सेवा पुस्तिका संधारित करने वाले अधिकारी, सूचनाओ को भरने के बाद, उन्हे प्रमाणित (validate) करेंगे, तभी वो सूचनाए मान्य होंगी ।
प्र.17  प्रविष्ठ की गयी सूचनाओ को कैसे प्रमाणित (validate) किया जाएगा ?
ऊ.

सूचनाओ को प्रमाणित (validate) करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है, इसमे सेवा पुस्तिका संधारित करने वाले अधिकारी (validator) को संबन्धित अधिकारी/कर्मचारी के डाटा के समक्ष बॉक्स पर  क्लिक करना
प्र.18  Photo, Palm, Sign, Thumb impression अपलोड नहीं हो रहे है।
ऊ.

अपलोड करते समय फ़ाइल का फॉर्मेट (JPEG, JPG, GIF) तथा साइज़ जांच लेवे. फोटो और पाम का अधिकतम साइज़ 30 KB एवं साइन और अंगूठे का अधिकतम साइज़15 KB होना चाहिए।
प्र.19  मास्टर डाटा मे उपलब्ध डाटा के अतिरिक्त यदि नया डाटा जुडवाना है, तब क्या करना होगा ?
ऊ.

मास्टर डाटा मे उपलब्ध डाटा के अतिरिक्त यदि नया डाटा जुडवाना है, तब IHRMS Help Desk पर संपर्क कर उसे जुड़वाया जा सकता है, जो कमरा संख्या 7010, फूड बिल्डिंग, शासन सचिवालय, जयपुर, राजस्थान से संचालित की जा रही है ।
संपर्क करने हेतु support-ihrms-rj@nic.in पर eMail अथवा दूरभाष संख्या 0141-5153222-21914 पर बात की जा सकती है ।
प्र.20  डाटा एंट्री के समय यदि तकनीकी कठिनाई महसूस हो तो क्या किया जाए ?
ऊ.

कमरा संख्या 7010, फूड बिल्डिंग, शासन सचिवालय, जयपुर, राजस्थान, मे IHRMS Help Desk पर स्वयं उपस्थित होकर या दूरभाष संख्या 0141-5153222-21914 पर संपर्क कर तकनीकी कठिनाई को दूर करने हेतु संपर्क किया जा सकता हैं

*Anil Malarampura*

Major announcement on basic pay, HRA, arrears likely today

Major announcement on basic pay, HRA, arrears likely today

The representatives of the central government employees are expected to meet the Finance Ministry officials to seek update on higher allowances under the 7th Pay Commission. At the meeting, the union leaders are likely to raise the issue of house rent allowance (HRA) and arrears on higher allowances under the 7th Pay Commission. It is believed some major announcement would be made on basic pay, HRA and arrears on allowances under the 7th Pay Commission. The delegation of the union leaders are also expected to discuss hike in basic pay under the 7th Pay Commission.

The Lavasa Committee, had on April 28, suggested modifications in some allowances applicable universally to all employees and also for those in specific categories, including railways and defence, after examining the 7th Pay Commission recommendations.

Last month, the Union Cabinet approved important proposals relating to modifications in the 7th CPC (Central Pay Commission) recommendations on pay and pensionary benefits in the course of their implementation.

The benefit of the proposed modifications will be available with effect from 1st January, 2016, i.e., the date of implementation of 7th CPC recommendations. With the increase approved by the Cabinet, the annual pension bill alone of the Central Government is likely to be Rs 1,76,071 crore.

सोमवार, 15 मई 2017

AC कार और बैन्जीन

सिर्फ़ AC कार का उपयोग करनें वाले मित्र ही पढें
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*कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें और सभी से इस जानकारी को साझा करें।*

यह सन्देश सभी व्यक्ति, जो 'ए सी कार' का उपयोग करते हैं के लिये अति आवश्यक और महत्वपूर्ण है।क्योंकि, यह उनके स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध रखता है।

*"कार की उपयोग पुस्तिका"* कार  स्टार्ट करने और 'ए सी' चलाने से पहले समस्त शीशों को खोलने का निर्देश देती है जिससे गर्म हवा बाहर निकल जाये। क्यों ?

इसमें कोई भी आश्चर्य की बात नहीं है कि आज कैंसर के कारण पहले की अपेक्षा बहुत मौतें हो रही हैं। अत्यन्त आश्चर्य होता है कि कैंसर की उत्पत्ति किन पदार्थों से हो रही है। एक ऐसा उदाहरण है जो कैंसर की उत्पत्ति के कारणों को बहुत हद तक स्पष्ट करता है।

प्रतिदिन अधिकांश व्यक्ति सर्वप्रथम  'सुबह के समय' और 'अंतिम बार रात' को अपनी कारों का उपयोग करते हैं।

कृपया कार में बैठते ही 'ए सी' को न चलायें। कार में प्रवेश करते ही, *"सबसे पहले शीशों को खोलें"* और कुछ मिनटों के बाद ही 'ए सी' चालू करें।

इसका "कारण", अनुसंधानों से यह पता चला है कि कार का डैश बोर्ड, सीट,'ए सी' की डक्ट्स, वस्तुतः गाड़ी की प्रत्येक पलास्टिक की बनी वस्तुएँ 'विषैली गैस' *"बैन्जीन"* छोड़ती हैं जो कि 'कैंसर' उत्पत्ति का एक बहुत बड़ा तत्व है।

जब भी आप कार खोलें तो कार को स्टार्ट करने से पहले कुछ क्षण के लिये गर्म पलास्टिक की गंध को स्वयम् अनुभव करेंगे।

बैन्जीन, कैंसर कारक होने के साथ - साथ हड्डियों पर विषैला प्रभाव, एनीमिया और स्वास्थय रक्षक सफ़ेद रक्त कणों (यह रोग कारक विषाणुओं को नष्ट करते हैं) में कमी लाती है।अधिक समय के सम्पर्क से ल्युकेमिया और कुछ अन्य प्रकार के कैंसर बढ़ने का पूर्ण ख़तरा है। इसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात हो सकता है।

बन्द स्थान में बैन्ज़ीन का "स्वीकृत" स्तर 50 मिलीग्राम प्रति वर्ग फ़ीट है।

एक कार जोकि एक बन्द जगह पार्क की गई हो और जिसके शीशे बन्द हों में 400-800 मिलीग्राम बैन्ज़ीन का स्तर होगा - *स्वीकृत मात्रा से 8 गुणा अधिक*।

यदि इसको बाहर खुले में पार्क किया गया हो जहाँ पर तापमान 30 अंश सेन्टीग्रेड से अधिक हो तो, बैन्ज़ीन का स्तर 2000-4000 मिलीग्राम होगा, अर्थात *स्वीकृत स्तर से कम से कम 40 गुणा अधिक*।

जो व्यक्ति शीशे बन्द हुई कार में बैठ जाते हैं वस्तुतः वह अत्याधिक मात्रा में विद्यमान विषैली बैन्ज़ीन को साँस के द्वारा अपने शरीर में लेंगे।

बैन्ज़ीन एक विषैला तत्व है जोकि गुर्दे और लीवर पर दुष्प्रभाव डालता है।सबसे ख़तरनाक बात है कि हमारा शरीर इस विषैले तत्व को बाहर करने में नितान्त असमर्थ है।

*अतः कार में बैठने से पहले कुछ समय के लिये इसके दरवाज़े व खिड़कियाँ खोल दें* जिससे  बैठने से पहले ही अन्दर की हवा बाहर निकल जाये (अर्थात हानिकारक विषैली गैसीय तत्व बाहर निकल जाये)

*शिक्षा:* जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण  तथ्य जिससे आपको लाभ हो बताता है, तो आपकी भी यह नैतिक फ़र्ज़ है कि आप भी इस अमूल्य जानकारी औरों को भी बतायें।

शुक्रवार, 12 मई 2017

Current whos who 2017 india

● नीति आयोग (Niti Aayog) - अध्यक्ष, नरेन्द्र मोदी
● लोकसभा (Lok Sabha) - अध्यक्ष, सुमित्रा महाजन
● लोकसभा (Lok Sabha) - महासचिव, टी. के. विश्वनाथन
● राज्यसभा (Rajya Sabha) - अध्यक्ष, मोहम्मद हामिद अंसारी
● राज्यसभा (Rajya Sabha) - उप अध्यक्ष, पी. जे. कुरियन
● राज्यसभा (Rajya Sabha) - सदन के नेता, अरुण जेटली
● राज्यसभा (Rajya Sabha) - विपक्ष के नेता,
गुलाम नबी आजाद
● राज्यसभा (Rajya Sabha) - महासचिव, शुमेस्वर के शेरिफ
● नीति आयोग (Niti Aayog) - उपाध्यक्ष - श्री अरविंद पानगढ़िया
● मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) - सैयद नसीम जैदी
● चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) - अचल कुमार ज्योति
● केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) - के. वी. चौधरी
● केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) - आर. के. माथुर
● भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor-General of India.) -
शशीकान्त शर्मा
● राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) - अध्यक्ष, एच.एल. दत्तु
● मंत्रिमंडल सचिवालय (Cabinet Secretary) -
प्रदीप कुमार सिन्हा
● प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव (Principal Secretary to Prime Minister) - नृपेन्द्र मिश्रा
● राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) - अध्यक्ष, डॉ. रामेश्वर ओरन
● संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) - अध्यक्ष,
श्रीमती अलका सिरोही
● राष्ट्रीय किसान आयोग (NCF) - अध्यक्ष, डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
● राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विशेष सलाहकार (National Security Adviser and Special Adviser) - अजीत कुमार देवल
● राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) - महानिदेशक,
शरद कुमार
● रेलवे बोर्ड (Railway Board) - अध्यक्ष, ए. के. मित्तल
● गुप्तचर ब्यूरो (IB) - निदेशक, दिनेश्वर शर्मा
● केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) - निदेशक, राकेश अस्थाना
● रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग (RAW) - निदेशक, राजेन्द्र खन्ना
● नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) - महानिदेशक,
आर. सी तयाल
● केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) - महानिदेशक,
प्रकाश मिश्रा
● सीमा सुरक्षा बल (BSF) - महानिदेशक, के. के. शर्मा
● केन्द्रीय औद्योगिक सुरखा बल (CISF) - महानिदेशक, ओ. पी. सिंह
● रेलवे सुरक्षा बल (RPF) - महानिदेशक, एस. के. भगत
● भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) - महानिदेशक, कृष्णा चौधरी
● सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal) - महानिदेशक, अर्चना रामासुन्दरम
● भारतीय तटरक्षक (Indian Coast Guard) - महानिदेशक, राजेन्द्र सिंह
● विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) - अध्यक्ष,
प्रो. वेद प्रकाश
● रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) -
● भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) - अध्यक्ष, ए. एस. किरन कुमार
● परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव (Atomic Energy Commission and Secretary) - अध्यक्ष, डॉ. शेखर वासु
● राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) - अध्यक्ष, नसीम अहमद
● कर्मचारी चयन आयोग (SSC) - अध्यक्ष, असीम खुराना
● भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) - महानिदेशक, डॉ. सोम्या स्वामीनाथन
● भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India) - अध्यक्ष, अजीत प्रकाश शाह
● भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी (INAE) - अध्यक्ष, वी. एन. सुरेश
● राष्ट्रीय वन आयोग (National Forest Commission) - अध्यक्ष, वी. एन. कृपाल
● राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB) - अध्यक्ष, दिलीप रथ
● सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) - महानिदेशक, सुरेश शर्मा
● भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) - गवर्नर, उर्जित पटेल
● भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India) - अध्यक्ष, सी. के. प्रसाद
● केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) - अध्यक्ष, श्री सुशील चंद्रा
● केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs) - अध्यक्ष, नजीब शाह
● भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) - अध्यक्ष, देवेन्द्र कुमार सीकरी
● केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Central Administrative Tribunal) - अध्यक्ष, प्रमोद कोहली
● ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) अध्यक्ष-निदेशक, दिनेश कुमार शर्राफ
● भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL) - अध्यक्ष-निदेशक, वी. सी. त्रिपाठी
● इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) - अध्यक्ष, वी. अशोक
● ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Ltd.) - अध्यक्ष-निदेशक, श्री उत्पल बोरा
● केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) - अध्यक्ष, आर. के. चतुर्वेदी
● भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (SEBI) - अध्यक्ष, यू.के. सिन्हा
● राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) - अध्यक्ष, डॉ हर्ष कुमार भानवाला
● भारतीय स्टेट बैंक (SBI) - अध्यक्ष, अरुन्धति भट्टाचार्य
● भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) - अध्यक्ष, किशोर खरात
● कम्पनी विधि बोर्ड (Company Law Board) - अध्यक्ष, श्री महेश मित्तल कुमार
● संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि (India's Permanent Representative to UN) - सैयद अकबरुद्दीन
● भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) - अध्यक्ष, एस. के. रॉय
● केन्द्रीय जल आयोग (Central Water Commission) - अध्यक्ष, जी. एस. झा
● राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) - अध्यक्ष, ललिता कुमारमंगलम
● 14 वें वित्त आयोग (14th Finance Commission) - अध्यक्ष, डॉ. वाई. वी. रेड्डी
● राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) - अध्यक्ष, राधा विनोद बर्मन
● केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) - अध्यक्ष, पहलाज निहलानी
● भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) - महानिदेशक, डॉ. राकेश तिवारी
● भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) - अध्यक्ष, श्री रघुवीर सिंह
● प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) - अध्यक्ष, श्री करनाल सिंह
● पेशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) - अध्यक्ष, हेमंत जी कॉन्ट्रैक्टर
● भाभा परमाणु अनसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Centre) - निदेशक, के. एन. व्यास
● भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) - अध्यक्ष, एन रामचंद्रन
● राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) - निदेशक, डॉ. हृषिकेश सेनापति
● भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) - अध्यक्ष, डॉ नौशाद फोर्ब्स
● प्रसार भारतीय बोर्ड (Prasar Bharti Board) - अध्यक्ष, डॉ. ए. सूर्य प्रकाश
● निवेश आयोग (Investment Commission) - अध्यक्ष, रतन टाटा
● भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) - अनुराग सिंह ठाकुर
● अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) - अध्यक्ष, शशांक मनोहर
● नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एण्ड सर्विसेज कम्पनीज (NASSCOM) - अध्यक्ष, सी. पी. गुरनानी
● राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) - अध्यक्ष, नीना लथ गुप्ता
● प्रेस ट्रस्ट ऑफ इण्डिया (PTI) - अध्यक्ष, रियाद मैथ्यू
1 hr · Public

शनिवार, 6 मई 2017

फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक परिणाम

फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक परिणाम

सबसे पहले नींबू को धोकर फ्रीज़र में रखिए
८ से १० घंटे बाद वह बर्फ़ जैसा ठंडा तथा कड़ा हो जाएगा
अब उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें
इसे आप जो भी खाएँ उस पर डाल कर इसे खा सकते हैं
इससे खाद्य पदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आऐगा
नीबू के रस में विटामिन सी होता है। ये आप जानते हैं,आइये देखें इसके और क्या-क्या फायदे हैं

नीबू के छिलके में ५ से १० गुना अधिक विटामिन सी होता है और वही हम फेंक देते हैं

नींबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषेले द्रव्यों को बाहर निकालने की क्षमता होती है

नींबू का छिलका कैंसर का नाश करता है , इसका छिलका कैमोथेरेपी से १०,००० गुना ज्यादा प्रभावी है

यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है

नींबू का रस विशेषत: छिलका,  रक्तदाब तथा मानसिक दबाव को नियंत्रित करता है

नींबू का छिलका १२ से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है और वो भी बिना किसी साईड इफेक्ट के

इसलिये आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नींबू फ्रीज़र में रखें और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग करें

चीनी एक जहर है जो अनेक रोगों का कारण है, जानिये कैसे...
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(1)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया में गंधक का सबसे अधिक प्रयोग होता है । गंधक माने पटाखों का मसाला
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(2)-- गंधक अत्यंत कठोर धातु है जो शरीर मेँ चला तो जाता है परंतु बाहर नहीँ निकलता ।
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(3)-- चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है ।
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(4)-- चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है ।
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(5)-- चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है ।
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(6)-- चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है ।
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(7)-- चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैँ जो इंसान और जानवर दोनो पचा नहीँ पाते ।
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(8)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है ।
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(9)-- चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है ।
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(10)-- चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है ।
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(11)-- चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है ।
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(12)-- चीनी पेरेलिसिस अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है।
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(13) चीनी बनाने की सबसे पहली मिल अंग्रेजो ने 1868 मेँ लगाई थी ।उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी गुड़ खाते थे और कभी बीमार नहीँ पड़ते थे ।
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(14) कृपया जितना हो सके, चीनी से गुड़ पे आएँ ।
अच्छी बातें, अच्छे लोगों, अपने मित्र , रिश्तेदार और ग्रुप में अवश्य शेयर कर