शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

Golden मौका - कमाओ बिना investment के

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रविवार, 25 सितंबर 2016

मुल लेखा नियम।

एक संस्था प्रधान/ कार्मिक जरूर जाने ये मुल लेखा नियम।

1. भुगतान जब करना हो तभी राशि ड्रॉ करे।
2. निजी निक्षेप खाते का पैसा 31 मार्च को लेप्स ना हो इसलिए कोई राशि आहरण नहीं करे।
3. बैंक से धन राशि आहरण हेतु अनुमति हो एवम उस हैड में राशि उपलब्ध होनी चाहिए।
4. नियम 10 G&FR का एक मुख्य नियम हैं। सरकार हर अधिकारी से मितव्ययता की अपेक्षा करती है एवम धन इस प्रकार व्यय करे जैसा एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति स्वयम् का निजी धन खर्च करता हैं।
5. जब भी कोई व्यय करे तब मांग के अनुसार ही व्यय करे। मांग से अधिक खरीद नहीं करे।
6. कोई भी व्यय स्वयम् के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष फायदे के लिए ना हों
7. किसी व्यक्ति विशेष के फायदे के लिए व्यय नहीं करे।
8. केश बुक का नियमित संधारण करे।
9. GA 19 तैयार करके नियंत्रण अधिकारी को प्रेषित किया जाना चाहिए। अब पे मैनेज़र द्वारा अब ऑटो तैयार होता है इसे आप प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियंत्रण अधिकारी को भेज दिया जाना चाहिए। इसकी आवश्यकता बजट निर्माण के समय भी रहेगी।
10. आपको अपने कार्यालय की रोकड़ पञ्जिका व वाउचर नियमित रूप से जांच करनी चाहिए।
11. किसी भुगतान को अनावश्यक रूप से नहीं रोका जाना चाहिए। किसी भुगतान को करने हेतु कोई विधिक बाधा है तो ऐसा भुगतान सक्षम स्वीकृति के पश्चात करना अपेक्षित हैं।
12. किसी प्रमाणपत्र पर जब आप हस्तक्षर करते है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आपकी होती है अतः संतुस्ट होकर ही हस्ताक्षर नहीं करे।
13. जब लेखा दल आये तो उसके बैठने, जल पानी, टेबल कुर्सी,  विधुत व अभिलेख उपलब्ध करवाये। आप उन्हें रेकॉर्ड उपलब्ध करने से मना नहीं कर सकते।
14. बिना अधिकार करार नहीं करे।
15. जो भी राशि व्यय करे उसे नियमानुसार उसी दिन लेखो में संधारित करे एवम राशि को बैंक में जमा करवाये।
16. 4 जुलाई 2014 के पश्चात सभी चालान ऑनलाइन जेनरेट हो रहे है । इससे पूर्व बजट कंट्रोल DDO को करना पड़ता था। अब बिना बजट के बिल जेनरेट नहीं किया जा सकता हैं।
17. जब कोई राशि प्राप्त करनी हो तो ध्यान रहे की धन की अधिकतम सीमा 500 है। यह राशि भारतीय मुद्रा में होनी चाहिए। हम भारतीय मुद्रा को स्वीकार करने से मना नहीं कर सकते।
18. जब चेक स्वीकार करना हो तो स्थानीय स्तर पर क्लियर होने वाला चेक होना चाहिए। अंतिम दिनाक जब तय हो तो क्लियर होने की अवधि के अनुसार चेक लेवे।
19. जब किसी पार्टी का चेक बाउन्स हो जाए तो उससे पेनल्टी राशि रोकड़ लेकर ही राशि रोकड़ में स्वीकार की जाती हैं।
20. चेस्ट की एक चाबी उच्चाधिकारी के पास जमा करनी चाहिए।
21. आपकी अनुपस्थिति में GA 55 पर हस्ताक्षर हेतु आपको किसी को अधिकृत करना चाहिए, सामान्य स्तिथि में यह कार्य केशियर कर सकता हैं।
22. जिस दिन केश बुक खुले उसी दिन बन्द भी करे व किसी से योग चेक करवाना चाहिए।
23. बिल बनवाने का कार्य पे मेनेजर पर होता है, अपने ID से खाता खोलकर बिल बनवाले और सम्पूर्ण चेक कर ट्रेज़री को फॉरवर्ड कर हार्ड कॉपी पर सील व हस्ताक्षर कर भिजवाना हैं।
24. पे मेनेजर पर ROP recover of payment भी सम्भव हैं।
25. रजास्थान प्रोक्युरमेंट एक्ट के तहत निविदा निकाले तो उसकी भाषा सुस्पष्ट होनी चाहिए। G&FR में इस कार्य हेतु नमूना उपलब्ध हैं। एक बार आदेश निकालने के पश्चात सुपीरियर अधिकारी की अनुमति से ही संशोधन संभव होगा।
26. जब सामग्री किसी दूसरे देश से मंगवानी हो तो दर FOR लेनी चाहिए।
27. भुगतान के समय TDS काटने की सुचना पूर्व में ही अंकित कर देनी चाहिए।
28. कोई भी टेंडर अंनंत काल के लिए जारी नहीं हो सकता हैं। ऐसा टेंडर वित् विभाग की सहमति से जारी करे।
29. SDP पोर्टल पर लोगिन करके प्रोक्युरमेंट एन्टाइटल फॉर्म प्राप्त करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाले। रेजिस्ट्रेशन के पश्चात आप निविदा करने तक एन्टाइटल हैं। हम एक वित्तीय वर्ष में 10 हज़ार तक व एक साल में एक लाख तक खरीद बिना निविदा कर सकते हैं।
30. "क्रय समिति" की अनुशंषा पर बिना टेंडर 50 हजार तक खरीद की जा सकती है इसकी एक सत्र में सीमा 3 लाख हैं। क्रय समिति में कार्यालयाध्यक्ष के साथ एक लेखाकार व तकनीकी कार्मिक होना जरुरी हैं।
31. एक साल में 3 कोटेशन लाकर एक लाख तक की खरीद की जा सकती हैं। एक बार में 2 लाख व साल में ऊपरी सीमा 10 लाख के ऊपर खुली निविदा करनी पड़ेगी व SDP पोर्टल पर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
32. निर्माण में 10 लाख के ऊपर के आर्डर हेतु P निविदा करनी होती हैं।
33. DSC यानी digital signature certificate ।
34. 5 लाख या उससे अधिक राशि हो तो 10 दिन व स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित करना पड़ेगा। इस समाचार पत्र की न्यूनतम प्रसार संख्या 50 हज़ार हो।
35. अमानत राशि से तातपर्य टेंडर के साथ जमा कराने वाली राशि से है जबकि उसका टेंडर स्वीकृत होने पर प्रतिभूति राशि ली जाती हैं।
36. यदि किसी सामान की उपलब्धि सरकारी दूकान पर उपलब्ध हो तो उसी दूकान से खरीदनी चाहिए।
37. आलमारी, कूलर इत्यादि जेल से एवम कपडा, झंडा इत्यादि खादी भण्डार से खरीद करनी चाहिए।
38. D&SG से अप्रवुड माल की खरीद हेतु किसी टेंडर की आवश्यकता नहीं हैं।
39. तोलिये 5 माह, बेड शीट 1 साल, लोहे का पलंग, कांच के ग्लास 5 माह, शेषे का जग 1 साल, मुद्दे एक साल, टिया सेट 2 साल, बिजली घंटी 2 साल, लतर बेहतर 3 साल, ऐश ट्रे, साइन बोर्ड, साइकिल, चाट बरसाती, टेबल गिलास , कुर्सी की गद्दी, झंडा, लकड़ी का पायदान 5 साल में।
नोटिस बोर्ड, झार , वाटर कूलर, रेडियो ट्रांज़िस्टर , बालरि, जाजम, संदूक, इज़ी चेयर 10 साल में अनुपयोगी हो जाती हैं।
40. सामग्री को अनुपयोगी, बेशी या कंडम घोषित करने के बाद फॉर्म SR5 में लिस्टिंग करेंगे। तकनीक वाले सामान के लिए तकनीकी व्यक्ति की राय लेनी पड़ेगी।
41. अनुपयोगी सामग्री की लिस्ट बनने के बाद सामग्री का मूल्य निर्धारण करना पड़ता हैं। सामग्री के मूल्य का आकलन करने के पश्चात उसकी नीलामी की जाती हैं।
42. 5 लाख से अधिक की नीलामी विभागाध्यक्ष के माध्यम से होगी। विभादध्यक्ष अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता हैं।
43. एक लाख से ज्यादा व 5 लाख से कम मूल्य की नीलामी हेतु उप विभागाद्यक्ष के माध्यम से होगी।
44. 30000 से कम मूल्य होने पर कार्यालयद्यक्ष स्वयम् कर सकता हैं।
45. कम्प्यूटर पर डेप्रिशयशन रेट 60% हैं।
46. 10 हजार के मूल्य तक की रद्दी के विक्रय हेतु कमिटी का अध्य्क्ष कार्यालयध्यक्ष होता हैं।
47. G&FR के परिशिष्ट 6 के तहत अभिलेख के संदगरण की समय सीमा हैं। शाळा भवन के कागजात हेतु कोई समयसीमा नहीं हैं।
48. लोन व अग्रिम रजिस्टर व संस्थापन रजिस्टर तथा स्थाई सम्पतियों के कागजात स्थायी रहेंगे।
49. अवकाश अर्जित करना पड़ता हैं।
50. अवकाश अधिकार नहीं हैं।
51. आकस्मिक अवकाश, अवकाश की श्रेणी में नहीं आता है, इसका लेखा सर्विस बुक में नहीं होता।
52. क्षतिपूर्ति अवकाश मंत्रलायिक कार्मिको को राजकीय अवकाश पर कार्य करने के एवज़ में मिलता हैं। इसका बेलेंस फॉरवर्ड नहीं होगा।
53. शिक्षक हेतु आकस्मिक अवकाश का कलेंडर 1 जुलाई से 30 जून होतक हैं। अतः जिनके cl शेष है वे 30 जून तक आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर सकते हैं।
54.  उपार्जित अवकाश- शिक्षक वर्ग हेतु वर्ष के 15 उपार्जित अवकाश देय हैं।
55. अगर किसी कार्मिक ने माह की प्रथम तिथि को कार्यग्रहण नहीं किया है तो उसे उस माह अवकाश अर्जित नहीं होगी।
56. मेडिकल अवकाश स्वयम् में अवकाश नहीं होकर अर्ध वेतन अवकाश होता हैं। पुरे वर्ष सेवा करने पर ही इसे कार्मिक के खाते में जोड़ा जाता हैं। इस अर्ध वेतन अवकाश को कंम्यूट किया जाता हैं।
57.  HLP को चिकित्सा या शिक्षा ग्राउंड पर कंम्यूट करवा सकता है।
58.  लीव सेंक्शन करवाना आवश्यक है। लीव सेंक्शन करने हेतु कार्यालयद्यक्ष कार्यालय हित में स्वीकार कर सकते हैं।
59. कोई कार्मिक 5 साल से अधिक बिना सुचना अवकाश पर रहे तो उसकी सेवा बर्खास्त की जा सकती हैं।
उपरोक्त जानकारियां श्री तरुण पुरोहित लेखाधिकारी द्वितीय की वार्ता पर आधारित हैं।लेखा नियमों हेतु G&FR रूलिंग ही अंतिम होती हैं।
*एजुकेशन न्यूज ग्रुप*

शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

Goa To Implement 7th Pay Commission Recommendations From Nov 1

Goa To Implement 7th Pay Commission Recommendations From Nov 1

Panaji: Goa Chief Minister Laxmikant Parsekar has said the 7th Pay Commission recommendations would be implemented in the state from November 1.


Goa Chief Minister Laxmikant Parsekar

“We have decided to implement the recommendations of Seventh Pay Commission from November 1 onwards. The pending arrears from January to October 2016 would be deposited in the employee provident fund (PF) and National Pension System (NPS),” Parsekar told the state Assembly yesterday while talking on the demand for grants.

He also said the order on implementation of the seventh pay commission would be issued around Ganesh Chaturthi, scheduled on September 5.

“The Ganesh Chaturthi will come with good news to the government employees. We will issue the order during that time. The implementation would be from November 1,” he said.

The chief minister said the government will have to spend an additional Rs 72 crore monthly towards salaries and pensions of government employees for implementation of recommendations of the new commission.

A provision of Rs 2,553 crore has been made towards seventh pay commission implementation in the state budget, Parsekar said.

The Chief Minister had a few days back informed the House that as per the revised pay scale, the state government will have to pay Rs 272 crore per month as against Rs 213 crore per month as per the existing scale, which will be an additional burden of Rs 59 crore.

During 2015-16, Rs 1,946 crore were earmarked for the salaries and pensions, which has now been hiked to Rs 2,553 crore to make up for the liability created by seventh pay.

PTI

बुधवार, 29 जून 2016

The present system of Pay Bands and Grade Pay has been dispensed


The present system of Pay Bands and Grade Pay has been dispensed with and a new Pay Matrix as recommended by the Commission has been approved. The status of the employee, hitherto determined by grade pay, will now be determined by the level in the Pay Matrix. Separate Pay Matrices have been drawn up for Civilians, Defence Personnel and for Military Nursing Service. The principle and rationale behind these matrices are the same.

All existing levels have been subsumed in the new structure; no new levels have been introduced nor has any level been dispensed with. Index of Rationalisation has been approved for arriving at minimum pay in each Level of the Pay Matrix depending upon the increasing role, responsibility and accountability at each step in the hierarchy.

The minimum pay has been increased from Rs.  7000 to 18000 p.m.  Starting salary of a newly recruited employee at lowest level will now be Rs.  18000 whereas for a freshly recruited Class I officer, it will be Rs.  56100.  This reflects a compression ratio of 1:3.12 signifying that pay of a Class I officer on direct recruitment will be three times the pay of an entrant at lowest level.

For the purpose of revision of pay and pension, a fitment factor of 2.57 will be applied across all Levels in the Pay Matrices. After taking into account the DA at prevailing rate, the salary/pension of all government employees/pensioners will be raised by at least 14.29 % as on 01.01.2016.

Rate of increment has been retained at 3 %. This will benefit the employees in future on account of higher basic pay as the annual increments that they earn in future will be 2.57 times than at present.

The Cabinet approved further improvements in the Defence Pay Matrix by enhancing Index of Rationalisation for Level 13A (Brigadier) and providing for additional stages in Level 12A (Lieutenant Colonel), 13 (Colonel) and 13A (Brigadier) in order to bring parity with Combined Armed Police Forces (CAPF) counterparts at the maximum of the respective Levels.

Some other decisions impacting the employees including Defence & Combined Armed Police Forces (CAPF) personnel include :
Gratuity ceiling enhanced from Rs.  10 to 20 lakh. The ceiling on gratuity will increase by 25 % whenever DA rises by 50 %.
A common regime for payment of Ex-gratia lump sum compensation for civil and defence forces personnel payable to Next of Kin with the existing rates enhanced from Rs. 10-20 lakh to 25-45 lakh for different categories.
Rates of Military Service Pay revised from Rs.  1000, 2000, 4200 & 6000 to 3600, 5200, 10800 & 15500 respectively for various categories of Defence Forces personnel.
Terminal gratuity equivalent of 10.5 months of reckonable emoluments for Short Service Commissioned Officers who will be allowed to exit Armed Forces any time between 7 and 10 years of service.
Hospital Leave, Special Disability Leave and Sick Leave subsumed into a composite new Leave named ‘Work Related Illness and Injury Leave’ (WRIIL). Full pay and allowances will be granted to all employees during the entire period of hospitalization on account of WRIIL.

The Cabinet also approved the recommendation of the Commission to enhance the ceiling of House Building Advance from Rs.  7.50 lakh to 25 lakh. In order to ensure that no hardship is caused to employees, four interest free advances namely Advances for Medical Treatment, TA on tour/transfer, TA for family of deceased employees and LTC have been retained. All other interest free advances have been abolished.

The Cabinet also decided not to accept the steep hike in monthly contribution towards Central Government Employees Group Insurance Scheme (CGEGIS) recommended by the Commission. The existing rates of monthly contribution will continue. This will increase the take home salary of employees at lower levels by Rs. 1470. However, considering the need for social security of employees, the Cabinet has asked Ministry of Finance to work out a customized group insurance scheme for Central Government Employees with low premium and high ri

सोमवार, 20 जून 2016

कर्मचारियों में गुस्सा, हड़ताल की चेतावनी

कर्मचारियों में गुस्सा, हड़ताल की चेतावनी

सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में न्यूनतम वेतन 18,000 और अधिकतम वेतन दो लाख, 50,000 रुपये करने की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक इस पर विचार के लिए केंद्र ने कैबिनेट स्तरीय कमेटी गठित की ताकि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट जल्द से जल्द फाइनल की जा सके। कैबिनेट कमेटी ने भी अब अपनी रिपोर्ट दे दी है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें 18 से 30 फीसदी की हाईक मिली है। इसके अनुसार न्यूनतम वेतन 23,000 से 25,000 रुपये और अधिकतम वेतन तीन लाख 50,000 रुपये अनुमन्य किया है। केंद्र सरकार इस रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले लागू करना चाहती है जिसका 01 जनवरी 2016 से बकाया भी मिलेगा। इसके पीछे सोच साफ है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा इसका लाभ हासिल कर सके। लेकिन इस रिपोर्ट से कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। उनका कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है। कर्मचारी संगठनों की मानें तो वे इसे आईएएस लॉबी को खुश करने वाली रिपोर्ट है। ऐसे में कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की धमकी दी है। खासतौर पर रेल कर्मचारी ज्यादा गुस्से में हैं। बताया जा रहा है कि रेलवे में 42 साल बाद हड़ताल का नोटिस पडा है ।

क्या था कर्मचारी संगठनों का विरोध
कर्मचारी संगठनों का विरोध था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम और अधिकतम वेतन का अनुपात बढ़ा दिया गया है। इस नाम पर न्यूनतम वेतन तो बढ़ाने की सिफारिश की गयी है, लेकिन इसकी आड़ में सेक्रेटरी की पे 32,5000 और कैबिनेट सेक्रेटरी की 3,50,000 कर दी जाएगी जिससे न्यूनतम और अधिकतम वेतन का अनुपात और बढ़ जाएगा।

मूल वेतन में 50 प्रतिशत डीए भी नहीं बढ़या

शिविरा पंचांग 2016-17 सारांश

*शिविरा पंचांग 2016-17 सारांश*

स्कूलों का समय गर्मियों में सुबह 8 से दोपहर 2-10 और सर्दियों में 9-30 से 3-40 बजे का ही रखा गया है।

कक्षा एक से 8 वीं तक वर्ष में कभी भी शिक्षा का अधिकार के तहत प्रवेश हो सकेंगे।

कक्षा 9 से 12 के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2016 रखी गई है।

प्रस्तावित पंचांग के मुताबिक जुलाई 2016 से जून 2017 तक 234 दिन स्कूल लगेंगे और  52 रविवार तथा 79 अन्य अवकाश होंगे।

28 अक्टूबर से 8 नवम्बर तक मध्यावकाश।

24 दिसंबर से 12 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा।

शिक्षकों के लिए 9-10 सितम्बर को जिला व 21-22 अक्टूबर को राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन होंगे।

22 से 24 अगस्त तक प्रथम, 7 से 10 अक्टूबर तक द्वितीय और 9 से 11 फरवरी तक तृतीय परख होगी। 10 से 23 दिसम्बर तक अर्ध वार्षिक व 13 से 25 अप्रैल 2017 वार्षिक परीक्षा की तिथियां तय की गई है।

30 अप्रैल 2017 को रिजल्ट धोषित होगा ।

अगले वर्ष नया शैक्षिक सत्र एक मई 2017 से।

11 मई से 20 जून 2017 तक ग्रीष्मावकाश रहेगा।

शुक्रवार, 17 जून 2016

7वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों को दशहरा से पहले मिल सकता है एकमुश्‍त एरियर*

*7वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों को दशहरा से पहले मिल सकता है एकमुश्‍त एरियर*

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनधारियों को उनके छह महीने का एरियर अक्‍टूबर महीने में दशहरा पर्व से पहले मिल सकता है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग का लाभ अगस्त से मिलना शुरू हो सकता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें कर्मचारियों का वेतन 30 फीसदी तक बढ़ सकता है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक अगस्त से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारी बढ़ी हुई सैलरी पाने लगेंगे। इन रिपोर्टों में कहा गया है कि पिछले छह महीने का एरियर एक बार में दशहरा से पहले खाते में दिया जाएगा। हालांकि यह अभी पूरी तरह साफ नहीं है कि बाकी की 6 महीने का पूरा एरियर एक साथ खाते में आएगा या फिर समय-समय पर कर्मचारियों के खाते में जमा किया जाएगा।

7वां वेतनमान : सरकारी कर्मचारियों को 1 अगस्त से मिल सकती है 6 महीने के एरियर के साथ बढ़ी हुई सैलरी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार 7वें वेतनमान को 1 जनवरी 2016 से प्रभावी बनाने की तैयारी में है। 7वें वेतन आयोग में 2,50,000 रुपए का अधिकतम मूल वेतन और 18,000 रुपए का न्यूनतम मूल वेतन का सुझाव दिया गया था। इसके अलावा 30 प्रतिशत की वृद्धि को मानें तो मासिक वेतन क्रमशः 23,400 रुपये  के न्यूनतम स्तर और 3,25,000 रुपये के अधिकतम स्तर तक पहुंच सकता है।

छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी और कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा। आमतौर पर राज्यों की ओर से भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। कहा जा रहा है कि नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई 'पे ग्रेड' व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा।

Arthakranti Proposal

Anil Bokil , one of the key member of Arthakranti Sansthan was given time to share to PM Modi. He was given 9min for sharing but Mr Modi heard him for 2 hrs.

Arthakranti Proposal

What is Arthakranti Proposal and who hasgiven the proposal?

“Arthakranti Proposal” has been given by a Pune (Maharashtra) based “Arthakranti Sansthan” which is an Economic Advisory body constituted by a group of Chartered Accountants and Engineers. This funda has been patented by the Sansthan.

Arthakranti Proposal is an effective and guaranteed solution of Black Money Generation, Price rise and Inflation, Corruption, Fiscal Deficit, Unemployment, Ransom, GDP and industrial growth, terrorism and good governance.

What is in the Proposal ?

“Arthakranti Proposal has FIVE point of actions simultaneously.

(1) Scrap all 56 Taxes including income tax excluding import duty.

(2) Recall and scrap high denomination currencies of 1000, 500 and 100 rupees.

(3) All high value transaction to be made only through banking system like cheque, DD, online and electronic.

(4) Fix limit of cash transaction and no taxing on cash transaction.

(5) For Govt. revenue collection introduce single point tax system through banking system – Banking Transaction Tax (2% to 0.7%) on only Credit Amount

Important Points to note:

(1) As on today total banking transaction is more than 2.7 lakh crores per day say more than 800 lakh crores annually.

(2) Less than 20% transaction is made through banking system as on today and more than 80% transaction made in cash only, which is not traceable.

(3) 78% of Indian population spend less than 20/- rupees daily why they need 1000/- rupee note.

What will happen if All FIFTY SIX Taxes including income tax scrapped :

(1) Salaried people will bring home more money which will increase purchasing power of the family.

(2) All commodities including Petrol, Diesel, FMCG will become cheaper by 35% to 52% .

(3) No question of Tax evasion so no black money generation.

(4) Business sector will get boosted. So self employment.

What will happen if 1000/ 500/ 100 Rupees currency notes recalled and scrapped :

(1) Corruption through cash will stopped 100%.

(2) Black money will be either converted to white or will vanish as billions of 1000/500/100 currency notes hidden in bags without use will become simple pieces of papers.

(3) Unaccounted hidden huge cash is skyrocketing the prices of properties, land, houses, jewellery etc and hard earned money is loosing its value; this trend will stop immediately.

(4) Kidnapping and ransom, “Supari killing” will stop.

(5) Terrorism supported by cash transaction will stop.

(6) Cannot buy high value property in cash showing very less registry prices.

(7) Circulation of “Fake Currency” will stop because fake currency printing for less value notes will not be viable.

What will happen when Banking Transaction Tax (2% to 0.7%) is implemented :

(1) As on today if BTT is implemented govt can fetch 800 x 2% = 16 lakh crore where as current taxing system is generating less than 14 lakh crore revenue.

(2)When 50% of total transaction will be covered by BTT sizing 2000 to 2500 lakh crores, Govt will need to fix BTT as low as 1% to 0.7% and this will boost again banking transaction many fold.

(3) No separate machinery like income tax department will be needed and tax amount will directly deposited in State/Central/District administration account immediately.

(4) As transaction tax amount will be very less, public will prefer it instead paying huge amount against directly/indirectly FIFTY SIX taxes.

(5) There will be no tax evasion and govt will get huge revenue for development and employment generation.

(6) For any special revenue for special projects, govt can slightly raise BTT say from 1% to 1.2% and this 0.2% increase will generate 4,00,000 crores additional fund.

Effect of if implemented today :

(01)Prices of all things will come down.

(02)Salaried people will get more cash in hand.

(03)Purchasing power of Society will increase.

(04)Demand will boost, so will production and industrialisation and ultimately more employment opportunity for youth.

(05) Surplus revenue to the govt for effective health/ education/ infrastructure/ security/ social works.

(06) Cheaper and easy loans from banks, interest rate will come down.

(07) Tendency of society will changes from scarcity to quantity.

(08) Spare money for political system for clean politics,

(09) Prices of land/ property will come down,

(10) No need to export beef to cover up trade deficit

(11) Sufficient fund for research and development.

(12) Society will be free from “Bad elements”.

A very nice n simple compilation with logical impact. Worth sharing!!

"ArthaKranti proposal -It will Fully Change India" on YouTube - https://youtu.be/GVfmUmB0bpM

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बुधवार, 4 मई 2016

All of life's problems

All of life's problems
are only due to 2 words
"early" and "late"
We dream too early,
And act too late.
We trust too early
And forgive too late.
We get angry too early
And apologize too late.
We give up too early
And restart too late.
We cry too early
And smile too late
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रविवार, 1 मई 2016

7 वें वेतन आयोग का बिल हुआ पास

7 वें वेतन आयोग का बिल हुआ पास:

नई दिल्ली, 7 वें वेतन आयोग का बिल हुआ पास: केन्द्रीय कर्मचारियों को अच्छी खबर केन्द्रीय कर्मचारियों को अच्छी खबर केन्द्र सरकार ने कल केबिनेट की बैठक में 50% डीए बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक / 01/2016 01 से मान्य होगा.अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा 

-1 न्यूनतम वेतन 21000 / 

-2 कोई ग्रेड भुगतान प्रणाली और खुले समाप्त scales.

-3 सेवानिवृत्ति - सेवा या earlier.

-4 जो भी उम्र के 60yrs के 33yrs। एचआरए 30% सीसीए reinforced.

-5 किया जाना है। पदों की श्रेणियाँ 1.1.2016.7 से प्रभाव की modified.

-6 Date हो। प्रभावी लागू करने की सिफारिशों के साथ कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और डी एस एंड टी आदि से सीपीसी के सदस्य द्वारा प्रस्तुत सीपीसी संयुक्त मसौदा ज्ञापन agreed.

-7th गणना 2.86 एक्स मूल वेतन 1 जनवरी 2016 सदस्य (जुड़ी 26 पृष्ठों की रिपोर्ट) वेतनमान गुणा कारक 2.15 और नए मूल वेतन हो जाएगा (पुराने पीबी + जीपी) * 2.15 (।) पेंशन और परिवार के द्वारा जीपी सहित पंजाब में तैयार की वेतन के आधार पर गणना कर रहे हैं पेंशन गुणा कारक 2.50 होना चाहिए। सदस्य (14 पृष्ठों की रिपोर्ट संलग्न) वर्ग 2 (डी) के लिए कक्षा 1 (सी) के लिए तय की बुनियादी (बी) के लिए पांच श्रेणियों (ए) 2500 1500 1200 में विभाजित वेतन वृद्धि की वार्षिक दर 1000-ग्रुप-ए, 800-ग्रुप-बी, 600 सालाना कक्षा 4 के लिए कक्षा 3 (ई) 400 के लिए -Group सी। सदस्य (जुड़ी 32 पृष्ठों की रिपोर्ट) वर्तमान MACPs योजना सेवा जारी की 10,18,25,30 वर्ष पूरे होने के बाद उन्नयन 4 देकर बदला जाना चाहिए। यह 6 सीपीसी में था और वेतन वृद्धि की तिथि 1 जुलाई से प्रभावी के स्थान पर 1 जनवरी रूप में होना चाहिए सदस्य (जुड़ी 28 पृष्ठों की रिपोर्ट) मकान किराया भत्ता होना चाहिए 2016/01/01 और गृह निर्माण अग्रिम नए मूल वेतन का 50 गुना होना चाहिए। सदस्य (जुड़ी 12 पृष्ठों की रिपोर्ट) परिवहन भत्ता एक्स श्रेणी के शहरों में नए मूल वेतन + डीए का 10% और वाई श्रेणी के शहरों में नए मूल वेतन + डीए का 5% होना चाहिए। सदस्य (38 पृष्ठों की रिपोर्ट संलग्न) (क) प्रति माह नए मूल वेतन के 5% @ अलग तीन राज्यों में कम से कम तीन पोस्टिंग पूरी कर ली है, जो केवल उन लोगों के लिए अखिल भारतीय हस्तांतरण भत्ता। जल्दी है, जो भी (ख) अधिकतम सेवा लंबाई 31years, शर्त के साथ सेवा से सेवानिवृत्ति के लिए 60 वर्ष अधिकतम आयु। (ग) पाटा सैन्य विशेष वेतन नए मूल वेतन के 5% @ में या तो कम से कम तीन वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, जो उन लोगों के लिए ही होना चाहिए पूर्वोत्तर क्षेत्र या जम्मू-कश्मीर क्षेत्र। सदस्य (जुड़ी 24 पृष्ठों की रिपोर्ट) नई वेतनमान .old पीबी -1, जीपी-1800 नए वेतनमान 15,000-33,600 हैं, पीबी -1, जीपी 1900 और 2000 नए वेतनमान 21,500-40,100, पुराने पीबी -1, GP- कर रहे हैं पुरानी 2400 और 2800 नए वेतनमान 25,000-43,600 हैं। ओल्ड पीबी -2, जीपी 4200 नए वेतनमान 30,000-54,800 हैं, पुराने पीबी -2, जीपी 4600 और 4800 नए वेतनमान, पुराने पीबी -2, जीपी 5400 नए वेतनमान 45,000-90,000, पुराने पीबी 40,000-71,000 कर रहे हैं -3.GP-6600 नए वेतनमान 52000-100000 हैं। ओल्ड जीपी 7600 नए वेतनमान 60000-110000 हैं। ओल्ड जीपी 9000 नए वेतनमान 75000-125000.सातवाँ हैं वेतन आयोग: -एसएनबी नई दिल्ली -कर्मचारियों की 33 साल की नौकरी या 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति करने की सिफारिश। सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 60 से घटाकर 58 साल की।

Types of leaves and rules

अर्जित अवकाश= यह अवकाश प्रत्येक वर्ष     31 दिन के देय है। 1 जनवरी को 16 दिन तथा 1 जुलाई को 15 दिन दो किस्तों में देय है।
यह अवकाश पूरे सेवा काल में 300 दिनों तक जमा किया जा सकता है। भारत में लगातार 120 दिन की तथा भारत से बाहर 180 दिनों की छुट्टी देय है।

मूल नि.- 81-बी(1)

-चिकित्सालय अवकाश- 

यह अवकाश उन कर्मचारियों को देय है जिनकी जान का जोखिम हो तथा सभी विभागों के सुरछा गार्डों एवं बंदी रच्छकों को देय है। यह अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को देय है।
प्राथमिकी चिकित्सक की संस्तुति पर 6 माह तक देय है। जिसमे प्रथम 3 माह पूर्ण वेतन पर तथा अगला 3 माह अर्ध वेतन पर। 3 वर्ष बाद पुनः6 माह का उपरोक्तानुसार देय होगा।

अध्ययन अवकाश(study leave)-

यह अवकाश पूरे सेवा काल 24 माह का अर्ध वेतन पर देय है। एक बार में लगातार 12 माह तक छुट्टी देय है। यह अवकाश भी किसी अन्य अवकाश से घटाया नही जायेगा।
नोट-यह उन्ही कर्मचारी को मिलेगी जिनकी सेवा काल 5 वर्ष हो गई हो। तथा यह अवकाश सेवानिवृति होने के 3 वर्ष पहले तक ही मिलेगी।
मूल नि.-84

प्रसूति अवकाश (महिलाओं के लिए )-

यह अवकाश केवल महिलाओं को प्रसूति हेतू 180 दिन यानी 6 माह तक 2 बच्चों तक देय है। तथा बच्चों के पालन पोषण हेतू 730 दिन तक पूरे वेतन पर दो बच्चों तक अलग से देय है। यह 730 दिन का अवकाश बच्चों के 18 वर्ष की उम्र होने तक due रहेगी। तथा एक कलेंडर वर्ष में 3 बार देय है। लेकिन एक बार में कम से कम 15 दिन का छुट्टी लेना होगा।
इसके अलावा गर्भ समापन अवकाश, चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर 6 सप्ताह तक पुरे वेतन पर पूरे सेवा काल में असीमित बार देय है।
नोट- गर्भ समापन का मतलब बच्चा ख़राब होने से है।

सहायक नि.-153
शासनादेश संख्या-2-2017, दि. 08.12.2008

चिकित्सा अवकाश- यह अवकाश स्थाई कार्मिकों को पूरे सेवा काल में 12 माह तक पूरे वेतन पर तथा 6 माह तक अर्ध वेतन पर देय है। 

मूल नि.-81-बी(3)

निजी कार्य पर, अर्ध वेतन पर अवकाश-

स्थाई कार्मिकों को यह अवकाश पूरे सेवा काल में 365 दिनों तक अर्ध वेतन पर देय है। यह अवकाश भी अर्जित अवकाश की तरह 1 जनवरी को 16 दिन तथा 1 जुलाई को 15 दिन कर्मचारी के खाते में जमा हो जाता है तथा यह अवकाश भी कर्मचारी के खाते में पुरा यानी 365 दिनों तक जमा किया जा सकता है।

मूल नि.-81-बी(3)

असाधारण अवकाश ( बिना वेतन का )-

यह अवकाश अन्य अवकाश के साथ मिलाकार अथवा बिना वेतन का अवकाश अलग से 5 वर्ष तक का देय है। 5 वर्ष से अधिक शासन द्वारा स्वीकृति किया जा सकता है।

मूल नि.-18, 81-बी(5)

विशेष बिकलांगता अवकाश-

यह अवकाश ड्यूटी करते समय दुर्घटना होने पर कूल 24 माह का निम्न प्रकार देय है।
1- प्रथम 6 माह पूरे वेतन पर। तथा यह 6 माह ड्यूटी मानी जायेगी।

2-119 दिन पूर्ण वेतन पर। लेकिन यह अवकाश माना जायेगा।

3-शेष 14 माह 1 दिन अर्ध वेतन पर देय है।

यह अवकाश किसी भी अन्य अवकाश घटाया नही जायेगा।

मूल नि.-83 तथा 83 ए
मूल नि.-9(6) ख (4)
मूल नि.-83 क (3) (ख)

राश्रीकृति अवकाश(commuted leave)-

यह अध्ययन अवकाश की तरह ही है। इसमें भारत में 45 दिन तक तथा भारत से बाहर 90 दिन तक पूरे वेतन पर देय है। लेकिन यह अवकाश निजी कार्य पर अर्ध वेतन पर जमा अवकाश में से दुगुनी घटाई जायेगी।

मूल नि.-81(बी)-4

आकस्मिक अवकाश-

यह अवकाश प्रत्येक कलेंडर वर्ष में 14 दिन देय है। तथा 2-3दिन का विशेष अवकाश भी स्वीकृति किया जा सकता है। एक बार में अधिकतम 10 दिनों की छुट्टी स्वीकृति हो सकती है। यह अवकाश कर्मचारी के खाते में जमा नही होगी। हर साल छुट्टी न लेने पर बची हुई छुट्टी स्वतः ही लेप्स हो जायेगी।
  ध्यान रहे यह अवकाश लेने पर बीच में पड़ने वाले अवकाश जैसे रविवार या अन्य छुट्टी को जोड़ा नही जायेगा।

सहायक नि.-201

संग अवरोध अवकाश-

यदि किसी कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य को संक्रामक रोग चेचक, हैजा, प्लेग, डिप्थीरिया,या मष्तिक ज्वर आदि हो जाये तो उस कर्मचारी को जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संस्तुत अवधी के लिये यह अवकाश स्वीकृति किया जा सकता है। इसको ड्यूटी माना जाता है तथा पुरे वेतन पर देय है।  तथा किसी भी अन्य अवकाश में से घटाया नही जायेगा। यह अधिकतम 21 दिन तथा विशेष परिस्थियों में 30 दिन तक स्वीकृति किया जा सकता है।

सहायक नि.-202

12-प्रतिकार अवकाश-

यह अवकाश छुट्टी के दिन जैसे रविवार या अन्य छुट्टी के दिन ड्यूटी कराने पर उसके बदले देय होता है। यह अवकाश अराजपत्रित कर्मचारियों को देय है। तथा एक साथ 2 प्रतिकर अवकाश से अधिक देय नही है तथा यह 30 दिनों के अंदर लेना होगा। 30 दिन के बांड को आपके अधिकारी द्वारा शिथिल किया जा सकता है। यदि दो दिन हाफ दिन तक ड्यूटी कराया गया है तो इसके बदले एक ही प्रतिकर अवकाश मिलेगा।
नोट- स्वेच्छा से छुट्टी के दिन ड्यूटी करने पर यह अवकाश देय नही होगा।

एंटी रेबीज उपचार हेतू अवकाश-

यदि किसी कार्मचारी को पागल कुत्ता या अन्य जानवर काट ले तो उसे सरकारी चिकित्सक की संस्तुति पर पूर्ण वेतन पर अवकाश देय है। यह अवकाश किसी अन्य अवकाश से घटाया नही जाएगा। दिन की कोई सीमा तय नहीं है। डॉक्टर के द्वारा छुट्टी के दिनों की संख्या निर्धारित होगी।

मूल नि.-9(6) (क) (3)