शनिवार, 12 सितंबर 2015

बुराई का खाता


एक राजा ब्राह्मणों को
लंगर में भोजन करा रहा
था।
तब पंक्ति के अंत मैं बैठे एक
ब्राम्हण को भोजन
परोसते समय एक चील
अपने पंजे में एक मुर्दा
साँप लेकर राजा के उपर से
गुजरी। और उस मुर्दा साँप
के मुख से कुछ बुंदे जहर की
खाने में गिर गई। किसी
को कुछ पत्ता नहीं चला।
फल स्वरूप वह ब्राह्मण
जहरीला खाना खाते हीं
मर गया। अब जब राजा
को सच का पता चला तो
ब्रम्ह हत्या होने से उसे
बहुत दुख हुआ।
मित्रों ऐसे में अब ऊपर बैठे
यमराज के लिए भी यह
फैसला लेना मुश्किल हो
गया कि इस पाप-कर्म का
फल किसके खाते में
जायेगा ???
राजा... जिसको पता ही
नहीं था कि खाना
जहरीला हो गया है..
या
वह चील... जो जहरीला
साँप लिए राजा के उपर से
गुजरी...
या
वह मुर्दा साँप... जो पहले
से मर चुका था...
दोस्तों बहुत दिनों तक
यह मामला यमराज की
फाईल में अटका रहा।
फिर कुछ समय बाद कुछ
ब्राह्मण राजा से मिलने
उस राज्य मे आए। और
उन्होंने किसी महिला से
महल का रास्ता पूछा...
तो उस महिला ने महल का
रास्ता तो बता दिया,
पर रास्ता बताने के साथ-
साथ ब्राम्हणों से ये भी
कह दिया कि देखो भाई...
"जरा ध्यान रखना, वह
राजा आप जैसे ब्राह्मणों
को खाने में जहर देकर मार
देता है।"
बस मित्रों जैसे ही उस
महिला ने ये शब्द कहे
उसी समय यमराज ने
फैसला ले लिया कि उस
ब्राह्मण की मृत्यु के पाप
का फल इस महिला के खाते
में जाएगा और इसे उस पाप
का फल भुगतना होगा।
यमराज के दूतों ने पूछा
प्रभु ऐसा क्यों ? जबकि
उस ब्राम्हण की हत्या में
उस महिला की कोई
भूमिका भी नही थी।
तब यमराज ने कहा कि
भाई देखो जब कोई
व्यक्ति पाप करता हैं तब
उसे आनंद मिलता हैं। पर
उस ब्राम्हण की हत्या से
न तो राजा को आनंद
मिला न मरे हुए साँप को
आनंद मिला और न ही उस
चील को आनंद मिला... पर
उस पाप-कर्म की घटना
का बुराई करने के भाव से
बखान कर उस महिला को
जरूर आनंद मिला। इसलिये
राजा के उस अनजाने पाप-
कर्म का फल अब इस
महिला के खाते में जायेगा।
बस मित्रों इसी घटना के
तहत आज तक जब भी कोई
व्यक्ति जब किसी दुसरे के
पाप-कर्म का बखान बुरे
भाव से (बुराई) करता हैं,
तब उस व्यक्ति के पापों
का हिस्सा उस बुराई
करने वाले के खाते में भी
डाल दिया जाता हैं।
दोस्तों अक्सर हम जीवन
में सोचते हैं कि जीवन में
ऐसा कोई पाप नही
किया फिर भी जीवन में
इतना कष्ट क्यों आया ?
दोस्तों ये कष्ट और कहीं से
नही बल्कि लोगों की
बुराई करने के कारण उनके
पाप-कर्मो से आया होता
हैं जिनको यमराज बुराई
करते ही हमारे खाते में
ट्रांसफर कर देते हैं।
इसलिये दोस्तों आज से ही
संकल्प कर लो कि किसी के
भी पाप-कर्मों का बखान
बुरे भाव से नही करना,
यानी किसी की भी
बुराई नही करनी हैं।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

Demerits of technology

Facts of life

When TV came to my house.
I forgot how to read books.
When the car came to my doorstep, I forgot how to walk.
When I got the mobile in my hand, I forgot how to write letters.
When computer came to my house, I forgot spellings.
When the A C came to my house, I stopped going under the tree for cool breeze
When I stayed in the city, I forgot the smell of mud.
By dealing with banks, I forgot the value of money.
With the smell of perfume, I forgot the fragrance of fresh flowers.
With the coming of fast food, I forgot to cook dal and rice.
Always running around, I forgot how to stop.
And lastly when I got watsapp, I forgot how to sleep...

अपना घर भी तो देखना.

माँ फोन पर बेटी से :- क्या दिया भाई ने राखी
पर ?
बेटी :- एक साड़ी दी है, होगी हजार-बारा सौ की.
माँ तुम्हें तो पता है
भैय्या तो दिल का साफ है वो बहुत कुछ करना
चाहता है लेकिन भाभी
रोक देती है. वही लायी होगी इतनी सस्ती साड़ी.
साल में एक बार तो
देना होता है उसमें भी कंजूसी दिखा देती है.
माँ :- खैर छोड़ो.. क्या उसकी बातें करना. तु बता
कल तेरी ननद आने
वाली है. हो गई तैय्यारी. कर ली शॉपिंग.
बेटी :- हाँ , माँ हो गई शॉपिंग. ये तो कह रहे थे मीनू
तीन साल में आ
रही है. हम 5000 का लिफाफा दे देते है. समझाया
मैंने इनको. इतना
करने की क्या जरूरत है. चार दिन रूकेंगी भी.
खाने-पीने पर खर्चा होगा
फिर बच्चों के हाथ में भी पैसे देने होंगे. हमें अपना
घर भी तो देखना.
800 का सूट ले आयी हूं. बड़ा अच्छा डिजाईन है.
माँ :- अच्छा किया बेटा. पहले अपना घर देखो.
( रक्षाबंधन की बधाईयाँ. )

Impossible

"Impossible"   को
गौर  से  देखो वो
खुद कहता है
""I  m  Possible""

"उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
"अपनी हँसी को होंठों से न  जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है...!!!

Be positive...Be Happy

CO-INCIDENCE OF LIFE:

CO-INCIDENCE OF LIFE:

1. MASJID has 6 letters so does TEMPLE and CHURCH.

2. QURAN has 5 letters so does GEETA and BIBLE.

3. LIFE has 4 letters so does DEAD.

4. HATE has 4 letters, so does LOVE.

5. ENEMIES has 7, so does FRIENDS.

6. LYING has 5, so does TRUTH.

7. HURT has 4, so does HEAL.

8. NEGATIVE has 8, so does POSITIVE.

9. FAILURE has 7, so does SUCCESS.

10. BELOW has 5, so does ABOVE.

11. CRY has 3 letters so does JOY.

12. ANGER has 5 so does HAPPY.

13. RIGHT has 5 so does WRONG.

14. RICH has 4 so does POOR.

15. FAIL has 4 so does PASS

16. KNOWLEDGE has 9 so does IGNORANCE.

Are they all by Co-incidence?
Plz read full msg
5ive undeniable Facts
of Life :

1.
Don't educate 
your children
to be rich.
Educate them
to be Happy.
So when
they grow up
they will know
the value of things
not the price

2.
Best awarded words
in London ...

"Eat your food
as your medicines.
Otherwise
you have to
eat medicines
as your food"

3.
The One
who loves you
will never leave you
because
even if there are
100 reasons
to give up
he will find
one reason
to hold on

4.
There is
a lot of difference
between
human being
and being human.
A Few understand it.

5.
You are loved
when you are born.
You will be loved
when you die.
In between
You have to manage...!

Nice line from Ratan Tata's Lecture-

If u want to Walk Fast,
Walk Alone..!
But
if u want to Walk Far,
Walk Together..!!

Six Best Doctors in the World-
          1.Sunlight
              2.Rest
          3.Exercise
             4.Diet
   5.Self Confidence
                   &
          6.Friends
Maintain them in all stages of Life and enjoy healthy life

If   you   see   the   moon ..... You   see    the    beauty    of    God .....   If    you   see    the   Sun ..... You   see    the    power   of    God .....   And ....    If   you   see   the   Mirror ..... You   see     the    best    Creation of   GOD .... So    Believe   in     YOURSELF..... :) :) :).

We all are tourists & God is our travel agent who
already fixed all our Routes Reservations & Destinations
So!
Trust him & Enjoy the "Trip" called LIFE...

send to all people who are important to you...
I just did.

जो बीत गई सो बात गई


जो बीत गई सो बात गई

जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अंबर के आंगन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फ़िर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुबन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ
जो मुरझाईं फ़िर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई

जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आंगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई

मृदु मिट्टी के बने हुए हैं
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन ले कर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फ़िर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घट हैं,मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई

- H.R.Bachhan
   

अहंकार की कथा .....

अहंकार की कथा .....
श्रीकृष्ण भगवान द्वारका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन
पर विराजमान थे, निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए
थे। तीनों के चेहरे पर दिव्य तेज झलक रहा था। बातों ही बातों
में रानी सत्यभामा ने श्रीकृष्ण से पूछा कि हे प्रभु, आपने
त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया था, सीता आपकी
पत्नी थीं। क्या वे मुझसे भी ज्यादा सुंदर थीं? द्वारकाधीश
समझ गए कि सत्यभामा को अपने रूप का अभिमान हो गया है।
तभी गरुड़ ने कहा कि भगवान क्या दुनिया में मुझसे भी ज्यादा
तेज गति से कोई उड़ सकता है। इधर सुदर्शन चक्र से भी रहा
नहीं गया और वह भी कह उठे कि भगवान, मैंने बड़े-बड़े युद्धों में
आपको विजयश्री दिलवाई है। क्या संसार में मुझसे भी
शक्तिशाली कोई है?
भगवान मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जान रहे थे कि उनके इन तीनों
भक्तों को अहंकार हो गया है और इनका अहंकार नष्ट होने का
समय आ गया है।
ऐसा सोचकर उन्होंने गरुड़ से कहा कि हे गरुड़! तुम हनुमान के
पास जाओ और कहना कि भगवान राम, माता सीता के साथ
उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। गरुड़ भगवान की आज्ञा लेकर
हनुमान को लाने चले गए।
इधर श्रीकृष्ण ने सत्यभामा से कहा कि देवी आप सीता के रूप
में तैयार हो जाएं और स्वयं द्वारकाधीश ने राम का रूप धारण
कर लिया। मधुसूदन ने सुदर्शन चक्र को आज्ञा देते हुए कहा
कि तुम महल के प्रवेश द्वार पर पहरा दो। और ध्यान रहे कि
मेरी आज्ञा के बिना महल में कोई प्रवेश न करे।
भगवान की आज्ञा पाकर चक्र महल के प्रवेश द्वार पर तैनात
हो गए। गरुड़ ने हनुमान के पास पहुंच कर कहा कि हे
वानरश्रेष्ठ! भगवान राम माता सीता के साथ द्वारका में आपसे
मिलने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। आप मेरे साथ चलें। मैं
आपको अपनी पीठ पर बैठाकर शीघ्र ही वहां ले जाऊंगा। हनुमान
ने विनयपूर्वक गरुड़ से कहा, आप चलिए, मैं आता हूं।
गरुड़ ने सोचा, पता नहीं यह बूढ़ा वानर कब पहुंचेगा। खैर मैं
भगवान के पास चलता हूं। यह सोचकर गरुड़ शीघ्रता से द्वारका
की ओर उड़े। पर यह क्या, महल में पहुंचकर गरुड़ देखते हैं कि
हनुमान तो उनसे पहले ही महल में प्रभु के
सामने बैठे हैं। गरुड़ का सिर लज्जा से झुक गया।
तभी श्रीराम ने हनुमान से कहा कि पवन पुत्र तुम बिना आज्ञा
के महल में कैसे प्रवेश कर गए? क्या तुम्हें किसी ने प्रवेश
द्वार पर रोका नहीं? हनुमान ने हाथ जोड़ते हुए सिर झुका कर
अपने मुंह से सुदर्शन चक्र को निकाल कर प्रभु के सामने रख
दिया। हनुमान ने कहा कि प्रभु आपसे मिलने से मुझे इस चक्र
ने रोका था, इसलिए इसे मुंह में रख मैं आपसे मिलने आ गया।
मुझे क्षमा करें। भगवान मंद-मंद मुस्कुराने लगे। हनुमान ने हाथ
जोड़ते हुए श्रीराम से प्रश्न
किया हे प्रभु! आज आपने माता सीता के स्थान पर किस दासी
को इतना सम्मान दे दिया कि वह आपके साथ सिंहासन पर
विराजमान है। अब रानी सत्यभामा के अहंकार भंग होने की बारी
थी। उन्हें सुंदरता का अहंकार था, जो पलभर में चूर हो गया था।
रानी सत्यभामा, सुदर्शन चक्र व गरुड़ तीनों का गर्व चूर-चूर
हो गया था। वे भगवान की लीला समझ रहे थे। तीनों की आंख से
आंसू बहने लगे और वे भगवान के चरणों में झुक गए। अद्भुत
लीला है प्रभु की।
हे परम इस्नेही मित्रो ..जब इन तीनो का अहंकार चूर चूर हो
गया तो इन तीनो के सामने हम अपने आपको किस जगह पाते है
...? विचार करना ... जय श्री राधे..जय श्री कृष्ण ...