अहंकार की कथा .....
श्रीकृष्ण भगवान द्वारका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन
पर विराजमान थे, निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए
थे। तीनों के चेहरे पर दिव्य तेज झलक रहा था। बातों ही बातों
में रानी सत्यभामा ने श्रीकृष्ण से पूछा कि हे प्रभु, आपने
त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया था, सीता आपकी
पत्नी थीं। क्या वे मुझसे भी ज्यादा सुंदर थीं? द्वारकाधीश
समझ गए कि सत्यभामा को अपने रूप का अभिमान हो गया है।
तभी गरुड़ ने कहा कि भगवान क्या दुनिया में मुझसे भी ज्यादा
तेज गति से कोई उड़ सकता है। इधर सुदर्शन चक्र से भी रहा
नहीं गया और वह भी कह उठे कि भगवान, मैंने बड़े-बड़े युद्धों में
आपको विजयश्री दिलवाई है। क्या संसार में मुझसे भी
शक्तिशाली कोई है?
भगवान मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जान रहे थे कि उनके इन तीनों
भक्तों को अहंकार हो गया है और इनका अहंकार नष्ट होने का
समय आ गया है।
ऐसा सोचकर उन्होंने गरुड़ से कहा कि हे गरुड़! तुम हनुमान के
पास जाओ और कहना कि भगवान राम, माता सीता के साथ
उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। गरुड़ भगवान की आज्ञा लेकर
हनुमान को लाने चले गए।
इधर श्रीकृष्ण ने सत्यभामा से कहा कि देवी आप सीता के रूप
में तैयार हो जाएं और स्वयं द्वारकाधीश ने राम का रूप धारण
कर लिया। मधुसूदन ने सुदर्शन चक्र को आज्ञा देते हुए कहा
कि तुम महल के प्रवेश द्वार पर पहरा दो। और ध्यान रहे कि
मेरी आज्ञा के बिना महल में कोई प्रवेश न करे।
भगवान की आज्ञा पाकर चक्र महल के प्रवेश द्वार पर तैनात
हो गए। गरुड़ ने हनुमान के पास पहुंच कर कहा कि हे
वानरश्रेष्ठ! भगवान राम माता सीता के साथ द्वारका में आपसे
मिलने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। आप मेरे साथ चलें। मैं
आपको अपनी पीठ पर बैठाकर शीघ्र ही वहां ले जाऊंगा। हनुमान
ने विनयपूर्वक गरुड़ से कहा, आप चलिए, मैं आता हूं।
गरुड़ ने सोचा, पता नहीं यह बूढ़ा वानर कब पहुंचेगा। खैर मैं
भगवान के पास चलता हूं। यह सोचकर गरुड़ शीघ्रता से द्वारका
की ओर उड़े। पर यह क्या, महल में पहुंचकर गरुड़ देखते हैं कि
हनुमान तो उनसे पहले ही महल में प्रभु के
सामने बैठे हैं। गरुड़ का सिर लज्जा से झुक गया।
तभी श्रीराम ने हनुमान से कहा कि पवन पुत्र तुम बिना आज्ञा
के महल में कैसे प्रवेश कर गए? क्या तुम्हें किसी ने प्रवेश
द्वार पर रोका नहीं? हनुमान ने हाथ जोड़ते हुए सिर झुका कर
अपने मुंह से सुदर्शन चक्र को निकाल कर प्रभु के सामने रख
दिया। हनुमान ने कहा कि प्रभु आपसे मिलने से मुझे इस चक्र
ने रोका था, इसलिए इसे मुंह में रख मैं आपसे मिलने आ गया।
मुझे क्षमा करें। भगवान मंद-मंद मुस्कुराने लगे। हनुमान ने हाथ
जोड़ते हुए श्रीराम से प्रश्न
किया हे प्रभु! आज आपने माता सीता के स्थान पर किस दासी
को इतना सम्मान दे दिया कि वह आपके साथ सिंहासन पर
विराजमान है। अब रानी सत्यभामा के अहंकार भंग होने की बारी
थी। उन्हें सुंदरता का अहंकार था, जो पलभर में चूर हो गया था।
रानी सत्यभामा, सुदर्शन चक्र व गरुड़ तीनों का गर्व चूर-चूर
हो गया था। वे भगवान की लीला समझ रहे थे। तीनों की आंख से
आंसू बहने लगे और वे भगवान के चरणों में झुक गए। अद्भुत
लीला है प्रभु की।
हे परम इस्नेही मित्रो ..जब इन तीनो का अहंकार चूर चूर हो
गया तो इन तीनो के सामने हम अपने आपको किस जगह पाते है
...? विचार करना ... जय श्री राधे..जय श्री कृष्ण ...
7pay commission encyclopedia of best messages jokes shayari GK चुटकुले शायरी सामान्य ज्ञान वेतन आयोग
शनिवार, 12 सितंबर 2015
अहंकार की कथा .....
अहंकार की कथा .....
अहंकार की कथा .....
श्रीकृष्ण भगवान द्वारका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन
पर विराजमान थे, निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए
थे। तीनों के चेहरे पर दिव्य तेज झलक रहा था। बातों ही बातों
में रानी सत्यभामा ने श्रीकृष्ण से पूछा कि हे प्रभु, आपने
त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया था, सीता आपकी
पत्नी थीं। क्या वे मुझसे भी ज्यादा सुंदर थीं? द्वारकाधीश
समझ गए कि सत्यभामा को अपने रूप का अभिमान हो गया है।
तभी गरुड़ ने कहा कि भगवान क्या दुनिया में मुझसे भी ज्यादा
तेज गति से कोई उड़ सकता है। इधर सुदर्शन चक्र से भी रहा
नहीं गया और वह भी कह उठे कि भगवान, मैंने बड़े-बड़े युद्धों में
आपको विजयश्री दिलवाई है। क्या संसार में मुझसे भी
शक्तिशाली कोई है?
भगवान मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जान रहे थे कि उनके इन तीनों
भक्तों को अहंकार हो गया है और इनका अहंकार नष्ट होने का
समय आ गया है।
ऐसा सोचकर उन्होंने गरुड़ से कहा कि हे गरुड़! तुम हनुमान के
पास जाओ और कहना कि भगवान राम, माता सीता के साथ
उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। गरुड़ भगवान की आज्ञा लेकर
हनुमान को लाने चले गए।
इधर श्रीकृष्ण ने सत्यभामा से कहा कि देवी आप सीता के रूप
में तैयार हो जाएं और स्वयं द्वारकाधीश ने राम का रूप धारण
कर लिया। मधुसूदन ने सुदर्शन चक्र को आज्ञा देते हुए कहा
कि तुम महल के प्रवेश द्वार पर पहरा दो। और ध्यान रहे कि
मेरी आज्ञा के बिना महल में कोई प्रवेश न करे।
भगवान की आज्ञा पाकर चक्र महल के प्रवेश द्वार पर तैनात
हो गए। गरुड़ ने हनुमान के पास पहुंच कर कहा कि हे
वानरश्रेष्ठ! भगवान राम माता सीता के साथ द्वारका में आपसे
मिलने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। आप मेरे साथ चलें। मैं
आपको अपनी पीठ पर बैठाकर शीघ्र ही वहां ले जाऊंगा। हनुमान
ने विनयपूर्वक गरुड़ से कहा, आप चलिए, मैं आता हूं।
गरुड़ ने सोचा, पता नहीं यह बूढ़ा वानर कब पहुंचेगा। खैर मैं
भगवान के पास चलता हूं। यह सोचकर गरुड़ शीघ्रता से द्वारका
की ओर उड़े। पर यह क्या, महल में पहुंचकर गरुड़ देखते हैं कि
हनुमान तो उनसे पहले ही महल में प्रभु के
सामने बैठे हैं। गरुड़ का सिर लज्जा से झुक गया।
तभी श्रीराम ने हनुमान से कहा कि पवन पुत्र तुम बिना आज्ञा
के महल में कैसे प्रवेश कर गए? क्या तुम्हें किसी ने प्रवेश
द्वार पर रोका नहीं? हनुमान ने हाथ जोड़ते हुए सिर झुका कर
अपने मुंह से सुदर्शन चक्र को निकाल कर प्रभु के सामने रख
दिया। हनुमान ने कहा कि प्रभु आपसे मिलने से मुझे इस चक्र
ने रोका था, इसलिए इसे मुंह में रख मैं आपसे मिलने आ गया।
मुझे क्षमा करें। भगवान मंद-मंद मुस्कुराने लगे। हनुमान ने हाथ
जोड़ते हुए श्रीराम से प्रश्न
किया हे प्रभु! आज आपने माता सीता के स्थान पर किस दासी
को इतना सम्मान दे दिया कि वह आपके साथ सिंहासन पर
विराजमान है। अब रानी सत्यभामा के अहंकार भंग होने की बारी
थी। उन्हें सुंदरता का अहंकार था, जो पलभर में चूर हो गया था।
रानी सत्यभामा, सुदर्शन चक्र व गरुड़ तीनों का गर्व चूर-चूर
हो गया था। वे भगवान की लीला समझ रहे थे। तीनों की आंख से
आंसू बहने लगे और वे भगवान के चरणों में झुक गए। अद्भुत
लीला है प्रभु की।
हे परम इस्नेही मित्रो ..जब इन तीनो का अहंकार चूर चूर हो
गया तो इन तीनो के सामने हम अपने आपको किस जगह पाते है
...? विचार करना ... जय श्री राधे..जय श्री कृष्ण ...
बच्ची की गुड़िया
मैं एक दुकान में
खरीददारी कर रहा था,
तभी मैंने उस दुकान के कैशियर को एक 5-6
साल की लड़की से
बात करते हुए देखा |
कैशियर बोला :~
"माफ़ करना बेटी,
लेकिन इस गुड़िया को
खरीदने के लिए
तुम्हारे पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं|"
फिर उस छोटी सी
लड़की ने मेरी ओर
मुड़ कर मुझसे पूछा:~
"अंकल,
क्या आपको भी यही लगता है
कि मेरे पास पूरे पैसे नहीं हैं?''
मैंने उसके पैसे गिने
और उससे कहा:~
"हाँ बेटे,
यह सच है कि तुम्हारे पास
इस गुड़िया को खरीदने के लिए पूरे पैसे
नहीं हैं"|
वह नन्ही सी लड़की
अभी भी अपने
हाथों में गुड़िया थामे हुए खड़ी थी |
मुझसे रहा नहीं गया |
इसके बाद मैंने उसके पास जाकर उससे
पूछा कि यह गुड़िया वह किसे
देना चाहती है?
इस पर उसने
उत्तर दिया कि यह
वो गुड़िया है,
जो उसकी बहन को
बहुत प्यारी है |
और वह इसे,
उसके जन्मदिन के लिए उपहार
में देना चाहती है |
बच्ची ने कहा यह गुड़िया पहले मुझे
मेरी मम्मी को देना है,
जो कि बाद में मम्मी
जाकर मेरी बहन को दे देंगी"|
यह कहते-कहते
उसकी आँखें नम हो आईं थी
मेरी बहन भगवान के घर गयी है...
और मेरे पापा कहते हैं
कि मेरी मम्मी भी जल्दी-ही भगवान से
मिलने जाने वाली हैं|
तो, मैंने सोचा कि
क्यों ना वो इस
गुड़िया को अपने साथ ले जाकर, मेरी बहन
को दे दें...|"
मेरा दिल धक्क-सा रह गया था |
उसने ये सारी बातें
एक साँस में ही कह डालीं
और फिर मेरी ओर देखकर बोली -
"मैंने पापा से कह दिया है कि मम्मी से
कहना कि वो अभी ना जाएँ|
वो मेरा,
दुकान से लौटने तक का
इंतजार
करें|
फिर उसने मुझे एक बहुत प्यारा-
सा फोटो दिखाया जिसमें वह
खिलखिला कर हँस
रही थी |
इसके बाद उसने मुझसे कहा:~
"मैं चाहती हूँ कि मेरी मम्मी,
मेरी यह
फोटो भी अपने साथ ले जायें,
ताकि मेरी बहन मुझे भूल नहीं पाए|
मैं अपनी मम्मी से बहुत प्यार करती हूँ और
मुझे नहीं लगता कि वो मुझे ऐसे छोड़ने के
लिए राजी होंगी,
पर पापा कहते हैं कि
मम्मी को मेरी छोटी
बहन के साथ रहने के
लिए जाना ही पड़ेगा क्योंकि वो बहुत छोटी है, मुझसे भी छोटी है | उसने धीमी आवाज मैं बोला।
इसके बाद फिर से उसने उस
गुड़िया को ग़मगीन आँखों-से खामोशी-से
देखा|
मेरे हाथ जल्दी से
अपने बटुए ( पर्स ) तक
पहुँचे और मैंने उससे कहा:~
"चलो एक बार
और गिनती करके देखते हैं
कि तुम्हारे पास गुड़िया के
लिए पर्याप्त पैसे हैं या नहीं?''
उसने कहा-:"ठीक है|
पर मुझे लगता है
शायद मेरे पास पूरे पैसे हैं"|
इसके बाद मैंने
उससे नजरें बचाकर
कुछ पैसे
उसमें जोड़ दिए और
फिर हमने उन्हें
गिनना शुरू किया |
ये पैसे उसकी
गुड़िया के लिए काफी थे
यही नहीं,
कुछ पैसे अतिरिक्त
बच भी गए
थेl |
नन्ही-सी लड़की ने कहा:~
"भगवान्
का लाख-लाख शुक्र है
मुझे इतने सारे पैसे
देने के लिए!
फिर उसने
मेरी ओर देख कर
कहा कि मैंने कल
रात सोने से पहले भगवान् से
प्रार्थना की थी कि मुझे इस
गुड़िया को खरीदने के
लिए पैसे दे देना,
ताकि मम्मी इसे
मेरी बहन को दे सकें |
और भगवान् ने मेरी बात सुन ली|
इसके अलावा
मुझे मम्मी के लिए
एक सफ़ेद गुलाब
खरीदने के लिए भी पैसे चाहिए थे, पर मैं भगवान से
इतने ज्यादा पैसे मांगने
की हिम्मत नहीं कर पायी थी
पर भगवान् ने तो
मुझे इतने पैसे दे दिए हैं
कि अब मैं गुड़िया के साथ-साथ एक सफ़ेद
गुलाब भी खरीद सकती हूँ !
मेरी मम्मी को सफेद गुलाब बहुत पसंद हैं|
"फिर हम वहा से निकल गए |
मैं अपने दिमाग से उस छोटी-
सी लड़की को
निकाल नहीं पा रहा था |
फिर,मुझे दो दिन पहले
स्थानीय समाचार
पत्र में छपी एक
घटना याद आ गयी
जिसमें
एक शराबी
ट्रक ड्राईवर के बारे में
लिखा था|
जिसने नशे की हालत में
मोबाईल फोन पर
बात करते हुए एक कार-चालक
महिला की कार को
टक्कर मार दी थी,
जिसमें उसकी 3 साल
की बेटी की
घटनास्थल पर ही
मृत्यु
हो गयी थी
और वह महिला कोमा में
चली गयी थी|
अब एक महत्वपूर्ण निर्णय उस परिवार
को ये लेना था कि,
उस महिला को जीवन
रक्षक मशीन पर बनाए रखना है
अथवा नहीं?
क्योंकि वह कोमा से बाहर
आकर,
स्वस्थ हो सकने की
अवस्था में
नहीं थी | दोनों पैर , एक हाथ,आधा चेहरा कट चुका था । आॅखें जा चुकी थी ।
"क्या वह परिवार इसी छोटी-
लड़की का ही था?"
मेरा मन रोम-रोम काँप उठा |
मेरी उस नन्ही लड़की
के साथ हुई मुलाक़ात के 2 दिनों बाद मैंने अखबार में
पढ़ा कि उस
महिला को बचाया नहीं जा सका,
मैं अपने आप को
रोक नहीं सका और अखबार
में दिए पते पर जा पहुँचा,
जहाँ उस महिला को
अंतिम दर्शन के लिए
रखा गया था
वह महिला श्वेत धवल
कपड़ों में थी-
अपने हाथ में
एक सफ़ेद गुलाब
और उस छोटी-सी लड़की का वही हॅसता हुआ
फोटो लिए हुए और उसके सीने पर रखी हुई
थी -
वही गुड़िया |
मेरी आँखे नम हो गयी । दुकान में मिली बच्ची और सामने मृत ये महिला से मेरा तो कोई वास्ता नही था लेकिन हूं तो इंसान ही ।ये सब देखने के बाद अपने आप को सभांलना एक बडी चुनौती थी
मैं नम आँखें लेकर वहाँ से लौटा|
उस नन्ही-सी लड़की का
अपनी माँ और
उसकी बहन के लिए
जो बेपनाह अगाध प्यार था,
वह शब्दों में
बयान करना मुश्किल है |
और ऐसे में,
एक शराबी चालक ने
अपनी घोर
लापरवाही से क्षण-भर में
उस लड़की से
उसका सब कुछ
छीन लिया था....!!!
ये दुख रोज कितने परिवारों की सच्चाइ बनता है मुझे पता नहीं!!!! शायद ये मार्मिक घटना
सिर्फ
एक पैग़ाम
देना चाहती है कि:::::::::::::
कृपया~~~
कभी भी शराब
पीकर और
मोबाइल पर बात
करते समय
वाहन ना चलायें
क्यूँकि आपका आनन्द
किसी के लिए
श्राप साबित हो सकता हैँ।
I request u
इस पोस्ट को
पढ़कर यदि आप
'भावुक' हुऐ
हों तो किसी भी एक व्यक्ति को शेयर'
जरूर करें .......!!
20 mantras for sure success
सफलता के 20 मँत्र "
1.खुद की कमाई से कम
खर्च हो ऐसी जिन्दगी
बनाओ..!
2. दिन मेँ कम से कम
3 लोगो की प्रशंसा करो..!
3. खुद की भुल स्वीकारने
मेँ कभी भी संकोच मत
करो..!
4. किसी के सपनो पर हँसो
मत..!
5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
को भी कभी कभी आगे
जाने का मौका दो..!
6. रोज हो सके तो सुरज को
उगता हुए देखे..!
7. खुब जरुरी हो तभी कोई
चीज उधार लो..!
8. किसी के पास से कुछ
जानना हो तो विवेक से
दो बार...पुछो..!
9. कर्ज और शत्रु को कभी
बडा मत होने दो..!
10. ईश्वर पर पुरा भरोसा
रखो..!
11. प्रार्थना करना कभी
मत भुलो,प्रार्थना मेँ
अपार शक्ति होती है..!
12. अपने काम से मतलब
रखो..!
13. समय सबसे ज्यादा
कीमती है, इसको फालतु
कामो मेँ खर्च मत करो..
14. जो आपके पास है, उसी
मेँ खुश रहना सिखो..!
15. बुराई कभी भी किसी कि
भी मत करो,
क्योकिँ बुराई नाव मेँ
छेद समान है,बुराई
छोटी हो बडी नाव तो
डुबो ही देती है..!
16. हमेशा सकारात्मक सोच
रखो..!
17. हर व्यक्ति एक हुनर
लेकर पैदा होता है बस
उस हुनर को दुनिया के
सामने लाओ..!
18. कोई काम छोटा नही
होता हर काम बडा होता
है जैसे कि सोचो जो
काम आप कर रहे हो
अगर वह काम
आप नही करते हो तो
दुनिया पर क्या असर
होता..?
19. सफलता उनको ही
मिलती है जो कुछ
करते है
20. कुछ पाने के लिए कुछ
खोना नही बल्कि कुछ
करना पडता है
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
इसे जितनी जगह पहुंचा
सकते हैं -:- पहुंचायें -:-
वो कभी नहीं मिलेंगे जो बदल गए ह
एक बात हमेशा याद रखना दोस्तों
ढूंढने पर वही मिलेंगे
जो खो गए थे,
वो कभी नहीं मिलेंगे
जो बदल गए है ॥
कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए , पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती ।। कंठ दिया कोयल को , तो रूप छीन लिया । रूप दिया मोर को , तो ईच्छा छीन ली । दि ईच्छा इन्सान को , तो संतोष छीन लिया । दिया संतोष संतको , तो संसार छीन लिया । दिया संसार चलाने देवी -देवताओं को , तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया । दिया मोक्ष उस निराकार को , तो उसका भी आकार छीन लिया ।। मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ इंसान' , मेरे रब ने तेरे और मेरे जैसे कितने मिट्टी से बना के मिट्टी में मिला दिए ।
Pakistani beggers
Two beggars in London
Wahid and Habib Are Beggars.
They beg in different areas of London.....
Habib begs just as long as Wahid does, but only collects £2 To £3 every day.
Wahid brings home a suitcase FULL of £10 notes, drives a Mercedes,
Lives in a Mortgage -free house and has a lot of money to spend.
Habib Says To Wahid :
'' I work just as long and hard as you do but how is it that you bring home a suitcase full of £10 notes every day....???? ''
Wahid Says :
'' Look at your sign, what does it say...???? ''
Habib's sign reads :
'' I have no work, a wife and 6 kids to support....!!!! ''
Wahid Says :
'' No wonder you only get £2- £3....!!!! ''
Habib Says :
'' So what does your sign say....????? ''
Wahid shows Habib his sign :
It Reads.....
'' I Only Need Another £10 To Move Back To Pakistan.........!!!!! ''
खुशी में ताली का---बड़ा महत्व ह
ससुराल में साली का…
बाग़ में माली का…
होंठो में लाली का…
पुलिस में गाली का…
मकान में नाली का…
कान में बाली का…
पूजा में थाली का…
खुशी में ताली का---बड़ा महत्व है
फलों में आम का…
भगवान में राम का…
मयखाने में जाम का…
फैक्ट्री में काम का…
सुर्ख़ियों में नाम का…
बाज़ार में दाम का…
मोहब्बत में शाम का---बड़ा महत्व है
व्यापार में घाटा का…
लड़ाई में चांटा का…
रईसों में टाटा का…
जूतों में बाटा का…
रसोई में आटा का---बड़ा महत्व है
फिल्मों में गाने का…
झगड़े में थाने का…
प्यार में पाने का…
अंधों में काने का…
परिंदों में दाने का---बड़ा महत्व है
ज़िंदगी में मोहब्बत का…
परिवार में इज्ज़त का…
तरक्की में किस्मत का…
दीवानों में हसरत का---बड़ा महत्व है
पंछियों में बसेरे का…
दुनिया में सवेरे का…
डगर में उजेरे का…
शादी में फेरे का---बड़ा महत्व है
खेलों में क्रिकेट का…
विमानों में जेट का…
शरीर में पेट का…
दूरसंचार में नेट का---बड़ा महत्व है
मौजों में किनारों का…
गुर्वतों में सहारों का…
दुनिया में नज़ारों का…
प्यार में इशारों का---बड़ा महत्व है
खेत में फसल का…
तालाब में कमल का…
उधार में असल का…
परीक्षा में नकल का---बड़ा महत्व है
ससुराल में जमाई का…
परदेश में कमाई का…
जाड़े में रजाई का…
दूध में मलाई का---बड़ा महत्व है
बंदूक में गोली का…
पूजा में रोली का…
समाज में बोली का…
त्योहारों में होली का…
श्रृंगार में चोली का---बड़ा महत्व है
बारात में दूल्हे का…
रसोई में चूल्हे का---बड़ा महत्व है
सब्जियों में आलू का…
बिहार में लालू का…
मशाले में बालू का…
जंगल में भालू का…
बोलने में तालू का---बड़ा महत्व है
मौसम में सावन का…
घर में आँगन का…
दुआ में दामन का…
लंका में रावन का---बड़ा महत्व है
चमन में बहार का…
डोली में कहार का…
खाने में अचार का…
मकान में दीवार का---बड़ा महत्व है
सलाद में मूली का…
फूलों में जूली का…
सज़ा में सूली का…
स्टेशन में कूली का---बड़ा महत्व है
पकवानों में पूरी का…
रिश्तों में दूरी का…
आँखों में भूरी का…
रसोई में छूरी का---बड़ा महत्व है
Last One
खेत में सांप का…
सिलाई में नाप का…
खानदान में बाप का…
और वॉट्सअप पर आप का---बड़ा
महत्व है
कैसा लगा महत्व दोस्त
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It's new, forward to all