केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग की सिफारिशें साल 2026 से लागू होगा। यह जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी। उन्होंने कहा- सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, इसकी सिफारिशें 2026 तक जारी रहेंगी।
8वें वेतन आयोग के आने से सैलरी पर क्या फर्क पड़ेगा?
केंद्र सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाती है। अभी 7वां वेतन आयोग चल रहा है, इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा। उम्मीद की जा रही है कि साल 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो जाएगा।
8वें वेतन आयोग का वेतन मैट्रिक्स 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करके तैयार किया जाएगा। इसे ऐसे समझिए- केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी के 18 लेवल हैं। लेवल-1 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1800 रुपए ग्रेड पे के साथ 18,000 रुपए है। इसे 8वें वेतन आयोग के तहत बढ़ाकर 34,560 रुपए किया जा सकता है। इसी तरह केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों को लेवल-18 के तहत अधिकतम 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है। यह बढ़कर तकरीबन 4.8 लाख रुपए हो सकती है।
8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ने से पेंशन कितनी बढ़ेगी?
अगर जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 34,560 रुपए होने का अनुमान है। साल 2004 से जोड़ें तो नौकरी में 25 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों का पहला बैच 2029 में रिटायर होगा।
अब मान लीजिए 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद लेवल-1 के एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 34,560 रुपए हो गई है तो इसकी 50% रकम 17,280 रुपए होती है। इस हिसाब से कर्मचारी को 17,280 रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी। हालांकि, यह रेयर केस में ही होगा कि कोई कर्मचारी लेवल-1 पर नौकरी ज्वाइन करने के बाद रिटायरमेंट तक उसी लेवल पर रहे। प्रमोशन और अन्य नियमानुसार समय-समय पर इस लेवल में बढ़ोतरी होती रहती है। इसलिए कर्मचारी को इससे कहीं ज्यादा धनराशि पेंशन के रूप में मिलेगी।
वहीं, लेवल-18 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 4.80 लाख रुपए होगी। इसका 50% कुल 2.40 लाख रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी।
नए वेतन आयोग में कैसे तय होगी सैलरी?
8वें वेतन आयोग के अप्रैल 2025 से लागू होने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है, क्योंकि अभी तक सरकार ने इस पर कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह शायद एक जनवरी 2026 से लागू हो सकता है।
8वां वेतन आयोग लागू होने पर विशेष फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी संशोधित की जाएगी। मान लीजिए कि मौजूदा 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन संशोधन के लिए 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत 1.92 के फैक्टर पर समझौता कर सकती है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार कम से कम 2.86 के उच्च फिटमेंट फैक्टर का विकल्प चुनेगी।
वेतन आयोग का फार्मूला निम्नलिखित है:
"वेतन = (बेसिक पे x 2.57) + डीए + एनपीए"
इस फार्मूले में:
- बेसिक पे: कर्मचारी का मूल वेतन
- 2.57: वेतन गुणक
- डीए (डियरनेस अलाउंस): महंगाई भत्ता
- एनपीए (नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस): गैर-अभ्यास भत्ता (केवल डॉक्टरों और अन्य विशेषज्ञों के लिए)
यह फार्मूला ७वें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया था और इसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन की गणना के लिए किया जाता है।
पहला वेतन आयोग 1947 - 40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
दूसरा वेतन आयोग 1959 - 50 % वृद्धि(काँग्रेस सरकार)
तीसरा वेतन आयोग 1973 - 25 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
चौथा वेतन आयोग 1986 - 40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
पाँचवां वेतन आयोग 1996 - 35 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
छठा वेतन आयोग 2006 - 40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार ) अब आया अच्छे दिन वालो का वेतन आयोग मतलब, सातवाँ वेतन आयोग 2016 - 14% वृद्धि
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