शनिवार, 12 सितंबर 2015

दो दोस्त रास्ते में मिले


बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले .

धनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की और

गरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है .

चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा

तेरे में और मेरे में बहुत फर्क है .

हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हुए

मै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया ?

चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया .

अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?

गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी?

अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला

ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी।

गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया

जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी .

गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला और

आकाश में आज़ाद कर दिया .

अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछा

तुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी?

गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा

" तेरे में और मुझ में यही फर्क है

तुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी .

"यही सच है "



.इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,

धरती पराई लगने लगे l

इनती खुशियाँ भी न देना कि,

दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।

नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,

निर्बल पर प्रयोग करूँ l

नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,

किसी को देख जल-जल मरूँ

ऐसा ज्ञान मुझे न देना,

अभिमान जिसका होने लगे I

ऐसी चतुराई भी न देना जो,

लोगों को छलने लगे ।
                                  : खवाहिश  नही  मुझे 
मशहुर  होने  की।
आप  मुझे  पहचानते  हो 
बस  इतना  ही  काफी  है।

अच्छे  ने  अच्छा  और 
बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे।
क्यों  की  जीसकी  जीतनी 
जरुरत  थी  उसने उतना  ही
पहचाना  मुझे।

ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा 
भी   कितना  अजीब  है,
शामें  कटती  नहीं, और  साल 
गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं....!

एक  अजीब  सी 
दौड़  है  ये  ज़िन्दगी,
जीत  जाओ  तो  कई
अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं,
और  हार  जाओ  तो  अपने
ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं।.....

"लॉजिक" से ज़्यादा "मैजिक"

ऐसा देश है मेरा जहाँ लोग "लॉजिक" से ज़्यादा "मैजिक" के पीछे भागते हैं
इसलिए
#भारत में "वैज्ञानिक" कम और
"बाबा" ज़्यादा मिलते हैं

Whatever will make no one happy -- Delete it....

Can u judge who is the better person out of these 3 ?Mr A - He had friendship with bad politicians, consults astrologers, two wives, chain smoker, drinks eight to 10 times a day.Mr B - He was kicked out of office twice, sleeps till noon, used opium in college & drinks whiskey every evening.Mr C - He is a decorated war hero,a vegetarian, doesn't smoke , doesn't drink  and never cheated on his wife.You would want Mr.C rite.But..Mr. A was Franklin Roosevelt!Mr. B was Winston Churchill!!Mr C Was ADOLF HITLER!!! Strange but true..Its risky to judge anyone by his habits !Character is a complex phenomenon.So every person in ur life is important ,don't judge them ,accept them. Three beautiful thoughts  1. None can destroy iron, but its own rust can! Likewise, none can destroy a person, but his own mindset can.2. Ups and downs in life are very important to keep us going, because a straight line even in an E.C.G. means we are not alive.3. The same Boiling Water that hardens the egg, Will Soften the Potato!It depends upon Individual's reaction To stressful circumstances!Beautiful saying ---Mobile has taught us three things ....Whatever makes you happy  -- save it.....Whatever makes others happy -- forward it.....Whatever will make no one happy -- Delete it....

शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

मुगलों का षड़यंत्र

हिंदू धर्म ग्रंथ नहीँ कहते कि देवी को शराबचढ़ाई जाये..,ग्रंथ नहीँ कहते की शराब पीनाही क्षत्रिय धर्म है.. ये सिर्फ़ एक मुग़लों कीसाजिशथी हिंदुओं को कमजोर करने की ! जानिये एकअनकही ऐतिहासिक घटना..."एक षड्यंत्र और शराब की घातकता...."कैसे हिंदुओं की सुरक्षा प्राचीर को ध्वस्तकिया मुग़लों ने ??जानिये और फिर सुधार कीजिये !!मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा थाऔर हिंदुस्तान के दूर दूर के राजामहाराजा दरबार में हाजिर थे , उसी दौरानमुगल बादशाह ने एक दम्भोक्तिकी "है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में ?"सभा में सन्नाटा सा पसर गया ,एक बार फिरवही दोहराया गया !तीसरी बार फिर उसने ख़ुशी से चिल्ला कर कहा"है कोई हमसे बहादुर जो हिंदुस्तान पर सल्तनतकायम कर सके ??सभा की खामोशी तोड़ती एक बुलन्द शेरसी दहाड़ गूंजी तो सबका ध्यान उस शख्स कीऔर गया ! वो जोधपुर के महाराजा राव रिड़मलथे !रिड़मल जी ने कहा, "मुग़लों में बहादुरी नहीँकुटिलता है..., सबसे बहादुर तो राजपूत है दुनियाँमें,मुगलो ने राजपूतो को आपस में लड़वा करहिंदुस्तान पर राज किया !कभी सिसोदिया राणा वंश को कछावाजयपुर से तो कभी राठोड़ो कोदूसरे राजपूतो से...।बादशाह का मुँह देखने लायक था , ऐसा लगाजैसे किसी ने चोरीकरते रंगे हाथो पकड़ लिया हो ।"बाते मत करो राव...उदाहरण दो वीरता का ।"रिड़मल ने कहा "क्या किसी कौम में देखा हैकिसी को सिर कटनेके बाद भी लड़ते हुए ??"बादशाह बोला ये तो सुनी हुई बात है देखा तोनही ,रिड़मल बोले" इतिहास उठाकर देख लो कितने वीरो कीकहानिया है सिरकटने के बाद भी लड़ने की ... "बादशाह हसा और दरबार में बेठे कवियों की औरदेखकर बोला "इतिहास लिखनेवाले तो मंगते होते है में भी 100 मुगलो के नामलिखवा दूँ इसमें क्या ? मुझे तोजिन्दा ऐसा राजपूत बताओ जो कहे की मेरासिर काट दो में फिरभी लड़ूंगा ।"राव रिड़मल निरुत्तर हो गए और गहरे सोच में डूबगए ।रात को सोचते सोचते अचानक उनको रोहणीठिकाने के जागीरदारका ख्याल आया ।रात को 11 बजे रोहणी ठिकाना (जो कीजेतारण कस्बे जोधपुररियासत) में दो घुड़सवार बुजुर्ग जागीरदार केपोल पर पहुंचे और मिलनेकी इजाजत मांगी । ठाकुर साहब काफी वृदअवस्था में थे फिर भी उठ कर मेहमान की आवभक्तके लिएबाहर पोल पर आये ,, घुड़सवारों ने प्रणाम कियाऔर वृद ठाकुर की आँखों मेंचमक सी उभरी और मुस्कराते हुए बोले " जोधपुरमहाराज...आपको मैंने गोद में खिलाया है और अस्त्र शस्त्रकी शिक्षादी है.. इस तरह भेष बदलने पर भी में आपको आवाजसेपहचान गया हूँ ।हुकम आप अंदर पधारो...मैं आपकी रियासत काछोटा साजागीरदार, आपने मुझे ही बुलवा लिया होता।राव रिड़मल ने उनको झुककर प्रणाम किया औरबोले एक समस्या है , और बादशाह के दरबारकी पूरी कहानी सुना दी, अबआप ही बताये की जीवित योद्धा का कैसेपताचले की ये लड़ाई में सिर कटने के बाद भी लड़ेगा ?रोहणी जागीदार बोले ," बस इतनीसी बात..मेरे दोनों बच्चे सिर कटने के बाद भीलड़ेंगे और आपदोनों को ले जाओ दिल्ली दरबार में ये आपकीऔररजपूती की लाज जरूर रखेंगे "राव रिड़मल को घोर आश्चर्य हुआ कि एक पिताको कितना विश्वास है अपने बच्चो पर.. , मानगए राजपूती धर्म को ।सुबह जल्दी दोनों बच्चे अपने अपने घोड़ो के साथतैयार थे!उसी समय ठाकुर साहब ने कहा ," महाराजथोडा रुकिए में एक बारइनकी माँ से भी कुछ चर्चा कर लूँ इस बारे में ।"राव रिड़मल ने सोचा आखिर पिता का ह्रदय हैकैसे मानेगा अपने दोनों जवान बच्चो के सिरकटवाने को , एक बार रिड़मल जी ने सोचा कीमुझे दोनों बच्चो कोयही छोड़कर चले जाना चाहिए ।ठाकुर साहब ने ठकुरानी जी को कहा " आपकेदोनों बच्चो कोदिल्ली मुगल बादशाह के दरबार में भेज रहा हूँसिर कटवाने को , दोनों में सेकौनसा सिर कटने के बाद भी लड़ सकता है ? आपमाँ हो आपको ज्यादा पताहोगा !ठकुरानी जी ने कहा बड़ा लड़का तो क़िले औरक़िले के बाहर तकभी लड़ लेगा पर छोटा केवल परकोटे में ही लड़सकता हैक्योंकि पैदा होते ही इसको मेरा दूध नहीमिला था।।लड़ दोनों ही सकते है ,आप निश्चित् होकर भेजदो ।दिल्ली के दरबार में आज कुछ विशेष भीड़ थीऔर हजारो लोग इस द्रश्य को देखने जमा थे ।बड़े लड़के को मैदान में लाया गया और मुगलबादशाह ने जल्लादो को आदेश दियाकी इसकी गर्दन उड़ा दो..तभी बीकानेर महाराजा बोले "ये क्यातमाशा है ?राजपूती इतनी भी सस्तीनही हुई है , लड़ाई का मोका दो और फिर देखोकौन बहादुर है ?बादशाह ने खुद के सबसे मजबूत और कुशल योद्धाबुलाये और कहा ये जो घुड़सवार मैदान मेंखड़ा है उसका सिर् काट दो...20 घुड़सवारों को दल रोहणी ठाकुर के बड़े लड़केका सिर उतारने को लपका औरदेखते ही देखते उन 20 घुड़सवारों की लाशें मैदानमें बिछगयी ।दूसरा दस्ता आगे बढ़ा और उसका भी वही हालहुआ , मुगलोमें घबराहट और झुरझरि फेल गयी ,इसी तरहबादशाह के500 सबसे ख़ास योद्धाओ की लाशें मैदान मेंपड़ीथी और उस वीर राजपूत योद्धा के तलवार कीखरोंच भी नही आई ।।ये देख कर मुगल सेनापति ने कहा " 500 मुगलबीबियाँ विधवा करदी आपकी इस परीक्षा ने अब और मतकीजिये हजुर , इस काफ़िर को गोली मरवाईएहजुर... तलवारसे ये नही मरेगा...कुटिलता और मक्कारी से भरे मुगलो ने उस वीर केसिर मेंगोलिया मार दी । सिर के परखचे उड़ चुके थे परधड़ ने तलवारकी मजबूती कम नही करी औरमुगलो का कत्लेआम खतरनाक रूप से चलते रहा ।बादशाह ने छोटे भाई को अपने पास निहथे बेठारखा था ये सोच कर की यदि येबड़ा यदि बहादुर निकला तो इस छोटे को कोईजागीर दे कर अपनीसेना में भर्ती कर लूंगा लेकिन जब छोटे ने येअंन्याय देखा तो उसने झपटकरबादशाह की तलवार निकाल ली ।उसी समय बादशाह के अंगरक्षकों ने उनकी गर्दनकाटदी फिर भी धड़ तलवार चलाता गया औरअंगरक्षकों समेतमुगलो का काल बन गए ।बादशाह भाग कर कमरे में छुप गया और बाहरमैदान में बड़े भाई और अंदर परकोटे में छोटेभाई का पराक्रम देखते ही बनता था । हजारोकी संख्या मेंमुगल हताहत हो चुके थे और आगे का कुछ पता नहीथा ।बादशाह ने चिल्ला कर कहा अरे कोई रोकोइनको..।एक मौलवी आगे आया और बोला इन पर शराबछिड़क दो ।। राजपूत का इष्टकमजोर करना हो तो शराब का उपयोग करो।दोनों भाइयो पर शराब छिड़की गयी ऐसाकरते हीदोनों के शरीर ठन्डे पड़ गए ।मौलवी ने बादशाह को कहा " हजुर ये लड़नेवाला इनका शरीरनही बल्कि इनका इष्ट देवी है और ये राजपूतशराब से दूररहते है और अपने धर्म और इष्ट को मजबूत रखते है ।यदि मुगलो को हिन्दुस्तान पर शासन करना हैतो इनका इष्ट और धर्म भृष्ट करो और इनमेदारु शराब की लत लगाओ ।। यदि मुगलो में येकमियां हटा दे तो मुगलभी मजबूत बन जाएंगे ।उसके बाद से ही राजपूतो में मुगलो ने शराब काप्रचलन चलाया औरधीरे धीरे राजपूत शराब में डूबते गए औरअपनी इष्ट देवी को नाराज करते गए ।और मुगलो ने मुसलमानो को कसम खिलवाई कीशराब पीने केबाद नमाज नही पढ़ी जा सकती । इसलिए इससेदूर रहिये ।।मांसाहार जैसी राक्षसी प्रवृत्ति पर गर्व करनेवाले राजपूतों कोयदि ज्ञात हो तो बताएं और आत्म मंथन करें किमहाराणा प्रताप कीबेटी की मृत्यु जंगल में भूख से हुई थी क्यों...?यदि वो मांसाहारी होते तो जंगल में उन्हेंजानवरों कीकमी थी क्या मार खाने के लिए...?इसका मतलब कि राजपूत हमेशा शाकाहारी थेकेवल कुछस्वार्थी राजपूतों ने जिन्होंने मुगलों कीआधिनतास्वीकार कर ली थी वे मुगलों को खुश करने केलिए उनके साथ मांसाहार करने लगे और अपने आपको मुगलों का विश्वासपात्र साबित करनेकी होड़ में गिरते चले गयेहिन्दू भाइयो ये सच्ची घटना है और हमे हिन्दूसमाज को इसकुरीति से दूर करना होगा । तब ही हम पुनःखोया वैभव पासकेंगे और हिन्दू धर्म की रक्षा कर सकेंगे ।और जब हम धर्म की रक्षा करेगे तो धर्म भी हमारी रक्षा करेगा।

विश्वास

एक  ✈  हवाई जहाज आसमान की ऊंचाइयों में उड रहा था

कि अचानक अपना संतुलन खोकर इधर उधर लहराने लगा

सभी यात्री अपनी मृत्यु को समीप जान डर के मारे चीखने चिल्लाने लगे

सिवाय एक बच्ची के जो मुस्कुराते हुए चुपचाप खिलोने से खेल रही थी

कुछ देर बाद हवाई जहाज सकुशल, सुरक्षित उतरा और यात्रियों ने राहत की साँस ली

एक यात्री ने उत्सुकतावश उस बच्ची से पूछा-

बेटा हम सभी डर के मारे काँप रहे थे पर तुमको डर नहीं लग रहा था
ऐसा क्यों ?

बच्ची ने जवाब दिया-

"क्योंकि इस प्लेन के पायलट मेरे पापा हैं

मैं जानती थी कि वो मुझे कुछ नहीं होने देंगे

किसान और परमात्मा

.
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया !
.
कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए,
कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी
ओले पड़ जाये!
.
हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल
थोड़ी ख़राब हो जाये!
.
एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु,
आप परमात्मा हैं, लेकिन लगता है आपको खेती
बाड़ी की ज्यादा जानकारी
नहीं है,
.
एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै
चाहू वैसा मौसम हो,
.
फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा!
.
परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम
कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं
करूँगा!
.
किसान ने गेहूं की फ़सल बोई, जब धूप
चाही, तब धूप मिली, जब पानी
तब पानी !
.
तेज धूप, ओले, बाढ़, आंधी तो उसने आने
ही नहीं दी,
.
समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की
ख़ुशी भी, क्योंकि ऐसी फसल
तो आज तक नहीं हुई थी !
.
किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को,
कि फ़सल कैसे उगाई जाती हैं,
.
बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते
रहे.
.
फ़सल काटने का समय भी आया , किसान बड़े गर्व से
फ़सल काटने गया,
.
लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा , एकदम से
छाती पर हाथ रख कर बैठ गया!
.
गेहूं की एक भी बाली के
अन्दर गेहूं नहीं था, सारी बालियाँ अन्दर
से खाली थी,
.
बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या
हुआ ?
.
तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था, तुमने पौधों को
संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया .
.
ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से
जूझने दिया ,
.
उनको किसी प्रकार की चुनौती
का अहसास जरा भी नहीं होने दिया ,
इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए,
.
जब आंधी आती है, तेज बारिश
होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से
ही खड़ा रहता है,
.
वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से
जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा
देता है,
.
उसकी जीवटता को उभारता है.
.
सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने ,
हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से
गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम
आभा उभरती है,
.
उसे अनमोल बनाती है !”
.
उसी तरह जिंदगी में भी अगर
संघर्ष ना हो, चुनौती ना हो तो आदमी
खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण
नहीं आ पाता !
.
ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी
रूपी तलवार को धार देती हैं, उसे सशक्त
और प्रखर बनाती हैं,
.
अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो
स्वीकार करनी ही
पड़ेंगी,
.
अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे.
.
अगर जिंदगी में प्रखर बनना है, प्रतिभा
शाली बनना है, तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो
करना ही पड़ेगा !

Problem in chinese economy

Today China is the under the threat of economical slump. So china has devaluated its currency by 30%. According to the global economists, china will face economical slowdown by decreasing the prices of products by its domestic industries . so Chinese products will be available in very cheaper rate in Indian and other markets.
     But this is time to weaken Chinese economy, which we can do. Coz India is the biggest market for the china across the globe. China is making the buiesness of 6.2 million crore of Indian rupees per annum by Indian market.
       And as we know china is claiming on Indian territory and acquiring border areas,It seems that china is in war stance with India. Also China is supporting Pakistan indirectly to counter India to become a sub-continental leader.
       Hence this is the time to crush Chinese economy, hence I am requesting to each and every Indian that Do not buy any Chinese product for upcoming one month at least. It will be great if you will not buy product ever which is Made in China.Even here to make an appeal to all Indian Merchants and retailers that plz do not make business by Chinese products for upcoming one month as those products are going to be more cheaper.
       This is the time to slap china and to become A Patriotic Indian. Lets do it for Nation.
Guys,India is having 37% of wattsapp users out of its total population ( source: Gadget of telecommunications),out which 92% users are youngsters. We are sharing tonnes of useless messages daily. But as much as you spread this message ,that much will be the useful to your future itself.We should avail each n every chance to counter against the powerful enemy like China.
     As the responsible citizen of The Republic of India, I am requesting you to make this message viral. Do not miss a single contact from your phone book.
      Your deed of not buying Chinese products and to tell the same to others is equally important to the Nation as the service by An Indian Soldier on our boarders!
             || Jai Hind ||