रविवार, 20 सितंबर 2015

केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतन में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया

केन्द्रीय कर्मचारियों को Good News केन्द्र सरकार ने कल केबिनेट की बैठक में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक 01/01/ 2015से मान्य होगा |

अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा |

शनिवार, 19 सितंबर 2015

सातवें वेतन आयोग में 2004 से बंद फैमिली पेंशन फिर शुरू कर सकती है सरकार

सातवें वेतन आयोग में 2004 से बंद फैमिली पेंशन फिर शुरू कर सकती है सरकार

केंद्र और राज्यों के 33 लाख कर्मचारियों के लिए यह अच्छी खबर है। सरकार उन्हें अगले साल से फैमिली पेंशन देने पर विचार कर रही है। सातवें वेतन
आयोग की सिफारिशों में इसका प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसे मंजूरी
मिलने के बाद कर्मचारियों को इसका लाभ 1 जनवरी 2016 से मिल सकता है।
अभी अप्रैल, 2004 के बाद सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए अफसर से लेकर कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन मिलती है, जबकि इससे पहले के कर्मचारियों
को फैमिली पेंशन मिल रही है।
इसमें न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत भर्ती हुए कर्मचारियों की परेशानी यह है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी या नहीं, यह तय ही नहीं है।
इसके तहत उनके वेतन से 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार के अंश की होती है। रिटायरमेंट तक यह राशि काटी जाएगी जिसमें से 70 प्रतिशत राशि
कर्मचारी को नकद दी जाएगी और बाकी 30 प्रतिशत पेंशन फंड के लिए जमा किए जाने का प्रावधान है जिसमें से उन्हें जीवित रहने तक आंशिक पेंशन
दिया जाना है।
अभी यह है प्रावधान : अभी अप्रैल, 2004 से पहले नौकरी में भर्ती हुए कर्मचारियों को फैमिली पेंशन मिल रही है। इसमें पेंशन के नाम पर उनके वेतन से कोई
राशि नहीं काटी जाती है। रिटायरमेंट के वक्त अंतिम माह को जो वेतन देय होता है, उसकी 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में तय हो जाती है। यह राशि
उन्हें जीवित रहने तक मिलती है और उसके बाद आश्रित को ट्रांसफर हो जाती है।
13 लाख से ज्यादा भर्तियां
केंद्र में अप्रैल 2004 से अब तक 13 लाख 46 हजार 862 भर्तियां हुईं, वहीं राज्यों में यह संख्या 19 लाख 58 हजार 378 है। इनमें मप्र में हुई भर्तियां 62 हजार हैं। इन
कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन का प्रावधान है। इनके वेतन से हर महीने काटी जा रही 10 प्रतिशत राशि के अलावा इतनी ही राशि सरकार
मिला रही है। इस फंड में एनएसडीएल के पास अब तक तक 42 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में यह माना जा रहा है कि न्यू पेंशन स्कीम को रिवाइज किया जाएगा, जिसे फैमिली पेंशन में परिवर्तित किए जाने
की पूरी उम्मीद है। ऐसी हमारी लगातार मांग भी रही है। यदि केंद्र इस सिफारिश को मानता है तो इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का फायदा
होगा। -केकेएन कुट्टी, अध्यक्ष, केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ, नईदिल्ली
- सरकारी सेवाओं में 1 अप्रैल 2004 से फैमिली पेंशन खत्म कर दी गई थी। सरकार का यह कदम ठीक नहीं था। पेंशन ही एक ऐसा आकर्षण है, जो लोगों को
सरकारी सेवाओं में आने के लिए आकर्षित करता है। सातवें वेतन आयोग में इसकी अनुशंसा करता है और केंद्र इसे मानता है तो कर्मचारियों के हित में
फायदेमंद होगा। केएस शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश
इसलिए पड़ी जरूरत
पिछले 11 साल से सरकार में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर सोशल सिक्युरिटी के रूप में मिलने वाली पेंशन का कोई प्रावधान नहीं
है। इससे सरकारी सेवाओं में आने वाले युवाओं का रुझान भी घटा। यह इससे साफ होता है कि 1 अप्रैल 1994 से 1 अप्रैल 2004 के बीच जहां 50 लाख से ज्यादा
लोग नौकरी में आए। वहीं, पेंशन खत्म होने के बाद सिर्फ 33 लाख लोग ही नौकरी में आए।
यदि केंद्र फैमिली पेंशन की अनुशंसा को स्वीकार करता है तो हम इसे राज्य में लागू करने पर विचार करेंगे।

शुक्रवार, 18 सितंबर 2015

रविवार, 13 सितंबर 2015

मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -

मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -

®हाथ पांव फूलना- समय पर दारू का ना मिलना
®ऊंट के मुंह मे जीरा-दारू कम पड़ जाना
®कलेजा ठंडा होना-
एक पैग गले के नीचे उतरना
®मुंह मीठा करना- पहली बार किसी को दारू पिलाना
®हाथ साफ करना-पार्टी में दारू की बोतल धीरे से पार कर देना
®नेकी कर दरिया मे डाल-फ्री में दोस्तो को पिलाना
®आँख फड़कना- नशा उतरते जाना
®आँख लाल करना-फुल टून्न हो जाना
®अंधे की लकड़ी- कोई फ्री दारू पिलाने वाला मिल जाना
®अंगारो पर पैर रखना-दारू पीकर घर जाना
®आकाश के तारे तोड़ना- ठेके की लाईन में पहले स्थान पर होना
®तिल का ताड़ बनाना-
दारू पीकर उपदेश देना
®ठन ठन गोपाल- दारू पीने के लिए पैसा न होना
®दम मे दम आना-दारू के साथ चखना जुगाड़ हो जाना
®छाती पर सांप लोटना-बिना जानकारी ठेका बंद हो जाना
®काम तमाम करना-पूरी बोतल खतम करना

घरेलु टिप्स

छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स हम सभी को कभी न कभी परेशान करती है। ऐसे में कभी जानी-पहचानी गोली खाकर तो कभी दर्द या समस्या को छोटी मानकर उसे सहन करते रहते हैं। यदि आपको भी कभी न कभी ऐसी छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स परेशान करती हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे घरेलू नुस्खे जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह काम करते हैं।

1. दो-चार लौंग पीसकर उसका सिर पर लेप लगाने से सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है। नमक में दो बूंद लौंग का तेल डालकर उस पेस्ट को सिर पर लगाएं बहुत जल्दी आराम मिलेगा।

2. स्किन रूखी और बेजान लगती हो तो जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर की मालिश कर गुनगुने पानी से नहाएं। दूध को केसर में मिलाकर पीएं, रूप निखर जाएगा।

3. संतरे के छिलकों का महीन चूर्ण बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं और चेचक के दाग भी दूर होते हैं।
नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
4. अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ नदारद हो जाएगी, साथ ही बाल झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है।

5. घाव के पक जाने पर आक की पत्तियों की सतह पर सरसों तेल लगाकर घाव पर लगाने से घाव फूटकर मवाद बाहर निकल आता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।

6. एक दिन में 8 - 9 केले तीन से चार दिन तक खाएं आर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द कम हो जाएगा।

7. कब्ज होने पर रात को सोते समय 10 मनुक्का दूध में उबाल कर खाएं और ऊपर से वही दूध पी लें। ज्यादा कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।

8. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है। 
10. व्हीट-ग्रास का जूस सुबह खाली पेट पीने से चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है और खून भी साफ होता है।

11. बालों में रूसी होने पर मेथी दानों का पेस्ट बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें और बालों को सूती कपड़े से हल्का-हल्का मालिश कर सुखा लें, रूसी दूर हो जाएगी।

12. धनिया और जीरा और चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त या एसिडिटी के कारण होने वाली जलन शांत हो जाती है।

13. रोजाना सुबह एक से दो लहसुन की साबूत कलियां पानी से निगल लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय

जानिये भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय

1. अलबर्ट आइन्स्टीन - हम भारत के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें गिनती सिखाई, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज संभव नहीं हो पाती।

2. रोमां रोलां (फ्रांस) - मानव ने आदिकाल से जो सपने देखने शुरू किये, उनके साकार होने का इस धरती पर कोई स्थान है, तो वो है भारत।

3. हू शिह (अमेरिका में चीन राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक सांस्कृतिक धरातल पर चीन को जीता और उसे प्रभावित भी किया।
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4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे की किस आकाश के तले मानव मन अपने अनमोल उपहारों समेत पूर्णतया विकसित हुआ है, जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ जिन्होंने प्लेटो और कांट का अध्ययन किया, तो मैं भारत का नाम लूँगा।

5. मार्क ट्वेन- मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान और सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में है।

6. आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।

7. हेनरी डेविड थोरो - प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी ‪#‎गीता‬ के तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।

8. राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत #गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है।

9. विल्हन वोन हम्बोल्ट- #गीता एक अत्यंत सुन्दर और संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत वस्तु है जिस पर सारी दुनिया गर्व कर सकती है।

10. एनी बेसेंट -विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं।