केन्द्रीय कर्मचारियों को Good News केन्द्र सरकार ने कल केबिनेट की बैठक में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक 01/01/ 2015से मान्य होगा |
अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा |
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केन्द्रीय कर्मचारियों को Good News केन्द्र सरकार ने कल केबिनेट की बैठक में 50% DA बेसिक मे जोड़ने के प्रस्ताव को पास कर दिया है यह आदेश दिनाँक 01/01/ 2015से मान्य होगा |
अब डी ए मर्ज होने के बाद कुल डी ए 63% होगा |
मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -
®हाथ पांव फूलना- समय पर दारू का ना मिलना
®ऊंट के मुंह मे जीरा-दारू कम पड़ जाना
®कलेजा ठंडा होना-
एक पैग गले के नीचे उतरना
®मुंह मीठा करना- पहली बार किसी को दारू पिलाना
®हाथ साफ करना-पार्टी में दारू की बोतल धीरे से पार कर देना
®नेकी कर दरिया मे डाल-फ्री में दोस्तो को पिलाना
®आँख फड़कना- नशा उतरते जाना
®आँख लाल करना-फुल टून्न हो जाना
®अंधे की लकड़ी- कोई फ्री दारू पिलाने वाला मिल जाना
®अंगारो पर पैर रखना-दारू पीकर घर जाना
®आकाश के तारे तोड़ना- ठेके की लाईन में पहले स्थान पर होना
®तिल का ताड़ बनाना-
दारू पीकर उपदेश देना
®ठन ठन गोपाल- दारू पीने के लिए पैसा न होना
®दम मे दम आना-दारू के साथ चखना जुगाड़ हो जाना
®छाती पर सांप लोटना-बिना जानकारी ठेका बंद हो जाना
®काम तमाम करना-पूरी बोतल खतम करना
छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स हम सभी को कभी न कभी परेशान करती है। ऐसे में कभी जानी-पहचानी गोली खाकर तो कभी दर्द या समस्या को छोटी मानकर उसे सहन करते रहते हैं। यदि आपको भी कभी न कभी ऐसी छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स परेशान करती हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे घरेलू नुस्खे जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह काम करते हैं।
1. दो-चार लौंग पीसकर उसका सिर पर लेप लगाने से सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है। नमक में दो बूंद लौंग का तेल डालकर उस पेस्ट को सिर पर लगाएं बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
2. स्किन रूखी और बेजान लगती हो तो जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर की मालिश कर गुनगुने पानी से नहाएं। दूध को केसर में मिलाकर पीएं, रूप निखर जाएगा।
3. संतरे के छिलकों का महीन चूर्ण बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं और चेचक के दाग भी दूर होते हैं।
नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
4. अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ नदारद हो जाएगी, साथ ही बाल झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है।
5. घाव के पक जाने पर आक की पत्तियों की सतह पर सरसों तेल लगाकर घाव पर लगाने से घाव फूटकर मवाद बाहर निकल आता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।
6. एक दिन में 8 - 9 केले तीन से चार दिन तक खाएं आर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द कम हो जाएगा।
7. कब्ज होने पर रात को सोते समय 10 मनुक्का दूध में उबाल कर खाएं और ऊपर से वही दूध पी लें। ज्यादा कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।
8. नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है।
10. व्हीट-ग्रास का जूस सुबह खाली पेट पीने से चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है और खून भी साफ होता है।
11. बालों में रूसी होने पर मेथी दानों का पेस्ट बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें और बालों को सूती कपड़े से हल्का-हल्का मालिश कर सुखा लें, रूसी दूर हो जाएगी।
12. धनिया और जीरा और चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त या एसिडिटी के कारण होने वाली जलन शांत हो जाती है।
13. रोजाना सुबह एक से दो लहसुन की साबूत कलियां पानी से निगल लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
जानिये भारत भूमि के बारे मे विदेशियों की राय
1. अलबर्ट आइन्स्टीन - हम भारत के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें गिनती सिखाई, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज संभव नहीं हो पाती।
2. रोमां रोलां (फ्रांस) - मानव ने आदिकाल से जो सपने देखने शुरू किये, उनके साकार होने का इस धरती पर कोई स्थान है, तो वो है भारत।
3. हू शिह (अमेरिका में चीन राजदूत)- सीमा पर एक भी सैनिक न भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक सांस्कृतिक धरातल पर चीन को जीता और उसे प्रभावित भी किया।
...
4. मैक्स मुलर- यदि मुझसे कोई पूछे की किस आकाश के तले मानव मन अपने अनमोल उपहारों समेत पूर्णतया विकसित हुआ है, जहां जीवन की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ जिन्होंने प्लेटो और कांट का अध्ययन किया, तो मैं भारत का नाम लूँगा।
5. मार्क ट्वेन- मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान और सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में है।
6. आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।
7. हेनरी डेविड थोरो - प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी #गीता के तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।
8. राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत #गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है।
9. विल्हन वोन हम्बोल्ट- #गीता एक अत्यंत सुन्दर और संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत वस्तु है जिस पर सारी दुनिया गर्व कर सकती है।
10. एनी बेसेंट -विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं।
किसी ने बुद्ध से पुछा..
"ज़हर क्या है"..?
बुद्ध ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...
"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
आवश्यकता से अधिक होती है
वही ज़हर है"..
फ़िर चाहे वो ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो, अभिमान हो, आलस हो, महत्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..
आवश्यकता से अधिक
"ज़हर" ही है..
एक राजा ब्राह्मणों को
लंगर में भोजन करा रहा
था।
तब पंक्ति के अंत मैं बैठे एक
ब्राम्हण को भोजन
परोसते समय एक चील
अपने पंजे में एक मुर्दा
साँप लेकर राजा के उपर से
गुजरी। और उस मुर्दा साँप
के मुख से कुछ बुंदे जहर की
खाने में गिर गई। किसी
को कुछ पत्ता नहीं चला।
फल स्वरूप वह ब्राह्मण
जहरीला खाना खाते हीं
मर गया। अब जब राजा
को सच का पता चला तो
ब्रम्ह हत्या होने से उसे
बहुत दुख हुआ।
मित्रों ऐसे में अब ऊपर बैठे
यमराज के लिए भी यह
फैसला लेना मुश्किल हो
गया कि इस पाप-कर्म का
फल किसके खाते में
जायेगा ???
राजा... जिसको पता ही
नहीं था कि खाना
जहरीला हो गया है..
या
वह चील... जो जहरीला
साँप लिए राजा के उपर से
गुजरी...
या
वह मुर्दा साँप... जो पहले
से मर चुका था...
दोस्तों बहुत दिनों तक
यह मामला यमराज की
फाईल में अटका रहा।
फिर कुछ समय बाद कुछ
ब्राह्मण राजा से मिलने
उस राज्य मे आए। और
उन्होंने किसी महिला से
महल का रास्ता पूछा...
तो उस महिला ने महल का
रास्ता तो बता दिया,
पर रास्ता बताने के साथ-
साथ ब्राम्हणों से ये भी
कह दिया कि देखो भाई...
"जरा ध्यान रखना, वह
राजा आप जैसे ब्राह्मणों
को खाने में जहर देकर मार
देता है।"
बस मित्रों जैसे ही उस
महिला ने ये शब्द कहे
उसी समय यमराज ने
फैसला ले लिया कि उस
ब्राह्मण की मृत्यु के पाप
का फल इस महिला के खाते
में जाएगा और इसे उस पाप
का फल भुगतना होगा।
यमराज के दूतों ने पूछा
प्रभु ऐसा क्यों ? जबकि
उस ब्राम्हण की हत्या में
उस महिला की कोई
भूमिका भी नही थी।
तब यमराज ने कहा कि
भाई देखो जब कोई
व्यक्ति पाप करता हैं तब
उसे आनंद मिलता हैं। पर
उस ब्राम्हण की हत्या से
न तो राजा को आनंद
मिला न मरे हुए साँप को
आनंद मिला और न ही उस
चील को आनंद मिला... पर
उस पाप-कर्म की घटना
का बुराई करने के भाव से
बखान कर उस महिला को
जरूर आनंद मिला। इसलिये
राजा के उस अनजाने पाप-
कर्म का फल अब इस
महिला के खाते में जायेगा।
बस मित्रों इसी घटना के
तहत आज तक जब भी कोई
व्यक्ति जब किसी दुसरे के
पाप-कर्म का बखान बुरे
भाव से (बुराई) करता हैं,
तब उस व्यक्ति के पापों
का हिस्सा उस बुराई
करने वाले के खाते में भी
डाल दिया जाता हैं।
दोस्तों अक्सर हम जीवन
में सोचते हैं कि जीवन में
ऐसा कोई पाप नही
किया फिर भी जीवन में
इतना कष्ट क्यों आया ?
दोस्तों ये कष्ट और कहीं से
नही बल्कि लोगों की
बुराई करने के कारण उनके
पाप-कर्मो से आया होता
हैं जिनको यमराज बुराई
करते ही हमारे खाते में
ट्रांसफर कर देते हैं।
इसलिये दोस्तों आज से ही
संकल्प कर लो कि किसी के
भी पाप-कर्मों का बखान
बुरे भाव से नही करना,
यानी किसी की भी
बुराई नही करनी हैं।
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