मंगलवार, 21 जून 2016

कर्मचारियों में गुस्सा, हड़ताल की चेतावनी

कर्मचारियों में गुस्सा, हड़ताल की चेतावनी

सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में न्यूनतम वेतन 18,000 और अधिकतम वेतन दो लाख, 50,000 रुपये करने की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक इस पर विचार के लिए केंद्र ने कैबिनेट स्तरीय कमेटी गठित की ताकि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट जल्द से जल्द फाइनल की जा सके। कैबिनेट कमेटी ने भी अब अपनी रिपोर्ट दे दी है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें 18 से 30 फीसदी की हाईक मिली है। इसके अनुसार न्यूनतम वेतन 23,000 से 25,000 रुपये और अधिकतम वेतन तीन लाख 50,000 रुपये अनुमन्य किया है। केंद्र सरकार इस रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले लागू करना चाहती है जिसका 01 जनवरी 2016 से बकाया भी मिलेगा। इसके पीछे सोच साफ है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा इसका लाभ हासिल कर सके। लेकिन इस रिपोर्ट से कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। उनका कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है। कर्मचारी संगठनों की मानें तो वे इसे आईएएस लॉबी को खुश करने वाली रिपोर्ट है। ऐसे में कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की धमकी दी है। खासतौर पर रेल कर्मचारी ज्यादा गुस्से में हैं। बताया जा रहा है कि रेलवे में 42 साल बाद हड़ताल का नोटिस पडा है ।

क्या था कर्मचारी संगठनों का विरोध
कर्मचारी संगठनों का विरोध था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम और अधिकतम वेतन का अनुपात बढ़ा दिया गया है। इस नाम पर न्यूनतम वेतन तो बढ़ाने की सिफारिश की गयी है, लेकिन इसकी आड़ में सेक्रेटरी की पे 32,5000 और कैबिनेट सेक्रेटरी की 3,50,000 कर दी जाएगी जिससे न्यूनतम और अधिकतम वेतन का अनुपात और बढ़ जाएगा।

मूल वेतन में 50 प्रतिशत डीए भी नहीं बढ़या

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