मंगलवार, 24 जून 2025

What and why to worry

Eventually, everyone gets forgotten. 

In just a few
generations, no one will remember your name,
your struggles, your achievements, or your
failures. 

Whatever feels so important now will disappear completely. 

So, why spend your
precious time taking everything so seriously? 

Why
worry about what others think? 

Why stress over
small problems? 

Why care about mistakes that no
one will remember? 
Think about it.


You're living a temporary life on a tiny planet in an endless universe. 

Your biggest disasters and most
embarrassing moments won't even register in the grand scheme of things. 

Instead of creating more
problems for yourself, go find some joy. 

Instead of overthinking, go experience something new.


Instead of worrying about your reputation, go
make some memories worth having. 

Life is too
short and too temporary to spend it stressed and
serious. 

Your problems aren't as big as they feel Your mistakes aren't as important as you think,
Let go of that heaviness. 

Find reasons to laugh.


Create moments of happiness. Make peace with
imperfection. 

No one will remember anyway, so you might as well enjoy the ride.

शनिवार, 1 फ़रवरी 2025

What is CL


             CL क्या है
          

CL = आकस्मिक अवकाश

CL - कार्मिक का अधिकारी नहीं हे। संस्था प्रधान की स्वीकृति से ही ले सकते हे विशेष परिस्थिति (बीमारी, अस्पताल, अंत्येष्टि) को छोड़ कर ।

CL - अस्थाई कार्मिक को एक वर्ष में 12
CL - स्थाई कार्मिक को एक वर्ष में 15
एक साथ में 10 CL से ज्यादा नहीं ले सकते और अगर 3 दिन आप विद्यालय जाने में 1 घण्टे से कम समय  लेट हो जाते हे तो 1 CL और 1 घण्टे के बाद आधी CL कटेगी।
अगर कार्मिक बिना सुचना विद्यालय में नहीं आता हे तो संस्था प्रधान उसके कॉलम में ? मार्क लगाएगा ।
जब कार्मिक विद्यालय में उपस्थित होगा तब कारन बताओ नोटिस जारी होगा फिर कार्मिक संस्था प्रधान को कारण बताएगा ।
संस्था प्रधान को लगे तो वो उसकी CL स्वीकृत करे नहीं तो PL या HPL की भी स्वीकृति लेनी होगी ।

ये होती हे CL अब बोलो


ज्वाइन से एक साल तक जैसे - 10 दिसम्बर 2015 को किया तो 9 दिसम्बर 2016 तक 12 CL मिलेगी
इसका कोई नियम लेखविज्ञ में हो तो बताइये

जब स्थाईकरण फॉर्म भरा जाता हे 2 वर्ष की समाप्ति पर तो उसमे CL की गणना वर्ष के अनुसार ही होती हे
प्रथम वर्ष की CL
द्वितीय वर्ष की CL
न की जुलाई से जून

बहुत से अध्यापक जानकारी के अभाव में परिवीक्षा काल की CL की गणना भी जुलाई से जून कर लेते हे
फिर जब स्थाईकरण फॉर्म के समय समस्या आती हे
क्योकि मेरे कुछ साथियो ने भी ऐसा किया था बाद में DEO ने उनके फॉर्म पर नोट लगा के वापस लोटा दिए की CL की गणना नियुक्ति तिथि से करो न की जुलाई से जून
फिर जब उन्होंने नियुक्ति तिथि से गणना की तो किसी के 15 CL किसी 14 CL हो गयी
उन अध्यापको को 12 CL से ज्यादा होने वाले दिनों का वेतन चालान से वापस जमा करवाना पडा था
इसलिए सुझाव हे की परिवीक्षा कॉल में CL की गणना नियुक्ति तिथि से ही करे
ताकि आगे आपको परेशानी न हो


प्रोबेशन में CL के नियम का 12 CL की गणना कब से कब होगी

परिवीक्षा काल में नियुक्ति तिथि से गणना की जाती हे
परिविक्षा काल में CL की गणना नियुक्ति तिथि  से की जाती
CL वर्ष में 12 मिलती हे और आप कभी भी ले सकते हो
बस एक साथ 10 से ज्यादा नहीं इसको लेकर काफी भ्रान्ति हे की 1 महीने की एक मिलती हे ये गलत हे वर्ष की 12 मिलती है


परिवीक्षा काल में कितनी छुटियाँ मिलती है

परीवीक्षा काल आगे नही बढाना है तो 30 दिन ही अवैतनिक रहे !!!
90 दिन तक नियुक्त अधिकारी उससे ज्यादा का एडमिनिस्ट्रेशन और उससे अधिक वित्त विभाग स्वीकृति देगा
नोट= सभी स्थिति में (केवल 30 दिवस को छोड़कर) परीवीक्षा काल आगे बढेगा।

पहले 22/5/09 के अनुसार 90 दिन से अधिक पर  प्रोबेशनर ट्रेनी में कार्यकाल बढा सकते है जो अधिकतम एक साल होगी।
प्रोबेशनर ट्रेनी 11/6/14 के बाद 30  दिवस तक ही अवैतनिक रह सकते हैं ।ये नये आदेश है पहले 90 दिन तक के लिए मान्य था ।
अतः अब 30 दिन ही मान्य है ।।

इनकम टैक्स रियायतें : 2025 बजट

वित्त मंत्री के बजट भाषण की प्रमुख बातें 2025

- New Tax Regime में बड़ा बदलाव, 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं; स्टैंडर्ड डिडक्‍शन को 75000 रुपये ही रखा गया, पिछले 4 साल का आईटी रिटर्न एकसाथ कर सकेंगे दाखिए 
0-12 Lakh : Nil
12-15 Lakh : 15%
15-20 Lakh : 20%
20-25 Lakh : 25%
25+ Lakh : 30%
- अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल आएगा
- कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जुड़ी 36 दवाइयां पूरी तरह से ड्यूटी फ्री, टीवी-मोबाइल, दवाएं, भारत में‌ बने कपड़े, चमड़े के सामान और इलेक्ट्रिक कार होंगी सस्ती*
- MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए लोन 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़, लोन देने के लिए कार्ड जारी होंगे
- TCS की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की गई
- सीनियर सिटीजन के लिए बड़ा ऐलान, टैक्स छूट दोगुनी, ब्याज पर छूट 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की गई
- दो घर के मालिकों को भी टैक्स में राहत, रेंट पर टीडीएस की सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई
- 'किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री धनधान्य योजना' का ऐलान, किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़कर 5 लाख हुई, बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा
- राजकोषीय घाटा GDP का 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान; 12 महत्वपूर्ण खनिजों को बुनियादी सीमा शुल्क से छूट
- अगले 5 वर्षों में 75000 नई मेडिकल सीटें, AI सेंटर को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ की सहायता
- खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन, लेदर उद्योग स्कीम में 22 लाख नई नौकरी पैदा करने का लक्ष्य, भारत को टॉयज का ग्लोबल हब बनाएंगे
- IITs में टेक्नोलॉजिकल रिसर्च के लिए 10 हजार पीएम स्कॉलरशिप, अगले 5 वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब, सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
- सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर स्थापना होगी, जल जीवन मिशन का बजट आउटले 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए बढ़ाया गया
- 120 गंतव्यों को जोड़ने के लिए संशोधित उड़ान योजना शुरू होगी, 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों को मदद मिलेगी
- इंश्योरेंस सेक्टर के लिए 100 एफडीआई की मंजूरी

शनिवार, 18 जनवरी 2025

8th Pay Commission : केंद्र ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी

 8th Pay Commission  : केंद्र ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी : 2026 से इसकी सिफारिशें लागू होंगी; केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग की सिफारिशें साल 2026 से लागू होगा। यह जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी। उन्होंने कहा- सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, इसकी सिफारिशें 2026 तक जारी रहेंगी।

8वें वेतन आयोग के आने से सैलरी पर क्या फर्क पड़ेगा?

केंद्र सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाती है। अभी 7वां वेतन आयोग चल रहा है, इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा। उम्मीद की जा रही है कि साल 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो जाएगा।

8वें वेतन आयोग का वेतन मैट्रिक्स 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करके तैयार किया जाएगा। इसे ऐसे समझिए- केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी के 18 लेवल हैं। लेवल-1 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1800 रुपए ग्रेड पे के साथ 18,000 रुपए है। इसे 8वें वेतन आयोग के तहत बढ़ाकर 34,560 रुपए किया जा सकता है। इसी तरह केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों को लेवल-18 के तहत अधिकतम 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है। यह बढ़कर तकरीबन 4.8 लाख रुपए हो सकती है।


8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ने से पेंशन कितनी बढ़ेगी?

अगर जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 34,560 रुपए होने का अनुमान है। साल 2004 से जोड़ें तो नौकरी में 25 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों का पहला बैच 2029 में रिटायर होगा।

अब मान लीजिए 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद लेवल-1 के एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 34,560 रुपए हो गई है तो इसकी 50% रकम 17,280 रुपए होती है। इस हिसाब से कर्मचारी को 17,280 रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी। हालांकि, यह रेयर केस में ही होगा कि कोई कर्मचारी लेवल-1 पर नौकरी ज्वाइन करने के बाद रिटायरमेंट तक उसी लेवल पर रहे। प्रमोशन और अन्य नियमानुसार समय-समय पर इस लेवल में बढ़ोतरी होती रहती है। इसलिए कर्मचारी को इससे कहीं ज्यादा धनराशि पेंशन के रूप में मिलेगी।

वहीं, लेवल-18 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 4.80 लाख रुपए होगी। इसका 50% कुल 2.40 लाख रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी।

नए वेतन आयोग में कैसे तय होगी सैलरी?

8वें वेतन आयोग के अप्रैल 2025 से लागू होने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है, क्योंकि अभी तक सरकार ने इस पर कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह शायद एक जनवरी 2026 से लागू हो सकता है।

8वां वेतन आयोग लागू होने पर विशेष फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी संशोधित की जाएगी। मान लीजिए कि मौजूदा 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन संशोधन के लिए 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत 1.92 के फैक्टर पर समझौता कर सकती है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार कम से कम 2.86 के उच्च फिटमेंट फैक्टर का विकल्प चुनेगी।

वेतन आयोग का फार्मूला निम्नलिखित है:

"वेतन = (बेसिक पे x 2.57) + डीए + एनपीए"

इस फार्मूले में:

- बेसिक पे: कर्मचारी का मूल वेतन
- 2.57: वेतन गुणक
- डीए (डियरनेस अलाउंस): महंगाई भत्ता
- एनपीए (नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस): गैर-अभ्यास भत्ता (केवल डॉक्टरों और अन्य विशेषज्ञों के लिए)

यह फार्मूला ७वें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया था और इसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन की गणना के लिए किया जाता है।

पहला वेतन आयोग 1947 -      40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
दूसरा वेतन आयोग 1959  -     50 % वृद्धि(काँग्रेस सरकार)
तीसरा वेतन आयोग 1973  -     25 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
चौथा वेतन आयोग 1986  -     40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
पाँचवां वेतन आयोग 1996  -    35 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार)
छठा वेतन आयोग    2006  -     40 % वृद्धि(कांग्रेस सरकार  )                                                                                  अब आया अच्छे दिन वालो का वेतन आयोग  मतलब,                                                       सातवाँ वेतन आयोग 2016 -  14% वृद्धि