सोमवार, 25 जनवरी 2016

पासपोर्ट बनवाने के लिए विभाग की अनुमति लेने का आवेदन पत्र होता है क्या?


पासपोर्ट बनवाने के लिए विभाग की अनुमति लेने का आवेदन पत्र होता है क्या

पासपोर्ट बनवाने के लिए विभागीय स्वीकृति आवश्यक है. यात्रा करने पर सूचना व अनुमति भी आवश्यक है.
Passport office से प्रपत्र लेकर उनसे consult कर लें. आवेदन पत्र संस्था प्रधान के माध्यम से थ्रू चैनल नियुक्ति अधिकारी तक जायेगा.वहाँ से अनुमति पत्र आयेगा.उसके बाद ऑनलाईन आवेदन करना होगा.निर्धारित तिथि को पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट कार्यालय में उपस्थित होना होगा.नियुक्ति अधिकारी की स्वीकृति व जन्म तिथि , निवास आदि के मूल प्रमाण पत्र व फोटे कॉपी ले जाने होंगे.

छुट्टी नकदीकरण पूरी तरह से कर योग्य है?

वेतन

छुट्टी नकदीकरण पूरी तरह से कर योग्य है?

सेवा के दौरान (i) छुट्टी नकदीकरण सभी मामलों में पूरी तरह से कर योग्य है, राहत यू / एस 89 (1) लागू उसी के लिए दावा किया जा सकता है।

(Ii) केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त छुट्टी नकदीकरण के माध्यम से किसी भी भुगतान। क्रेडिट पर अर्जित अवकाश की अवधि के संबंध में सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को पूरी तरह से छूट दी गई है।

(Iii) अन्य कर्मचारियों के मामले में छूट निम्न में से कम से कम करने के लिए सीमित किया जा रहा है:

(वास्तविक सेवा के हर साल के लिए 30 दिन से अधिक नहीं कर सकते हैं अर्जित अवकाश पात्रता) अप्रयुक्त अर्जित अवकाश (क) नकद समतुल्य

(ख) 10 महीने के औसत वेतन

(ग) नकदीकरण वास्तव में प्राप्त छोड़ दें। यह 1998/02/04 के बाद सेवानिवृत्ति के लिए 3,00,000 रुपये की सीमा के आगे का विषय है।

(Iv) के विशेषाधिकार के संबंध में एक मृतक कर्मचारी के कानूनी वारिसों को भुगतान वेतन छोड़ दो मौत के समय में ऐसे कर्मचारी के ऋण के लिए खड़े छोड़ कर योग्य नहीं है।

शनिवार, 16 जनवरी 2016

मेडिक्लेम पालिसी - Mediclaim policy

मेडिक्लेम पालिसी कैसे ली जाती ह
और लेने के बाद बीमार होने पर क्या करना पड़ता है ❓

    जवाब

मेडिक्लेम पालिसी की सुविधा राज्य कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है।
निर्देशानुसार कुछ हॉस्पिटल तो कैशलेस पॉलिसी में है जहां इलाज का पैसा नही लगेगा पर राशि की सीमा निर्धारित है।
एवम् सूची में वर्णित हॉस्पिटल में इलाज कराने पर प्रारम्भ में तो भुगतान स्वयं को करना होता है उसके बाद TPA यानी इसके ऑफिस में प्रपत्रानुसार फ़ाइल बनाकर आवेदन करना होता है फिर रोग के अनुसार पुनर्भरण राशि का चेक आ जाता है।
सम्भवतया अगले साले 2016 में प्रत्येक जिला स्तर पर इसके आवेदन और पुनर्भरण हेतु एकल खिलाड़ी स्थापित हो जायेगी।
इस प्रक्रिया हेतु मेडिक्लेम कार्ड की आवश्यकता विशेष रूप से रहेगी। जिसे पूर्व में तो हर 2 साल में Renew का प्रावधान था परन्तु संसाधनों के अभाव में SIPF द्वारा इसे यथावत स्वीकार किया जा रहा है। सदस्यों की संख्या में परिवर्तन की दशा में renew आवश्यक है।

Jaipur  के  प्राइवेट अस्पतालों में आउटडोर फीस राज्य कार्मिकों के लिए 1/3 हो गयी है बिना कार्ड के ही।

आप संस्थाप्रधान से लिखवाकर ले जाये की आप राज्यसरकार के कर्मचारी है। साथ में अपनी फोटोयुक्त id काफी है।

मेडिक्लेम कार्ड कैसे बनता ह❓

मेडिक्लेम कार्ड हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरकर सदस्यों की फ़ोटो लगाकर सम्बंधित GPF ऑफिस में DDO से प्रमाणित कराकर देना होता है। यदि माता पिता का नाम भी जोड़ना है तो शपथ पत्र जिसमे वर्णित हो की उनकी आय 2000 से कम हो और वे आवेदन कर्ता पर आश्रित है।
मेडिक्लेम से सम्बंधित एक और जानकारी

जैसा कि आपको पता है कि यह indoor एडमिट होने पर क्लेम मिलता है।
लेकिन इसका उपयोग आउटडोर में भी कर सकते है।आप जब भी हॉस्पिटल में दिखाने जाय तो कार्ड साथ लेकर जाय।बशर्ते हॉस्पिटल अपनी लिस्ट में हो।कार्ड से आउटडोर में दिखाने पर आपकी फीस और टेस्ट CGHS RATE(जो कि जनरल रेट से लगभग आधी होती है)से ही चार्ज किये जायेंगे।
कृपया यह जानकारी अन्य साथियो और 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को देवे।

शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत

पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत (बाबोसा) की आज 92 वीं जयंती है.शेखावत जनसंघ जनता पार्टी एवं भाजपा के वरिष्ठ राजनेता थे.
प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनाने वाले बाबोसा ही थे.वे प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और देश के 11 वें उपराष्ट्रपति बने तक का सफर तय किया था.
अपनी पत्नी सूरज कंवर से दस रुपये उधार लेकर थानेदार से उपराष्ट्रपति बनने तक का सफर .

जन्म :- 23 अक्टूबर 1923 को धनतेरस के दिन.
जन्म स्थान :- ग्राम खाचरियावास तहसील दांतारामगढ़ जिला सीकर
पिता :- ठाकुर श्री देवी सिंह शेखावत.
माता : बन्ने कंवर.
शिक्षा :- हाई स्कूल.
प्रथम चुनाव :- दांतारामगढ़ विधायक.
जनसंघ से पहली बार सन् 1952 में विधायक बने. बाबोसा राज्य विधानसभा के ऐसे सौभाग्यशाली विधायक रहे है जिन्होंने प्रथम विधानसभा से लेकर ग्यारहवीं विधानसभा के सदस्य बने रहने का गौरव हासिल किया है.अलबत्ता आपको सन् 1971 में पांचवी विधानसभा का चुनाव जीतने का अवसर नहीं मिल पाया.आप प्रदेश में सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने वाले राजनेता थे.बाबोसा को सन् 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लगाए जाने पर 19 महीने जेल में रहना पड़ा.प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार के बाबोसा 22 जून 1977 से 16 फरवरी 1980 तक मुख्यमंत्री रहे.दूसरी बार 4 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक l तीसरी बार 4 दिसंबर 1993 से 29 नवंबर 1998 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहे.देश के 11 वें उपराष्ट्रपति के पद पर 19 अगस्त 2002 से 21 अगस्त 2007 तक रहकर प्रदेश का नाम गर्व से ऊंचा किया था और फिर बाबोसा ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा. अलबत्ता आप राष्ट्रपति का चुनाव हार गए और उन दिनों से अस्वस्थ रहने लगे तथा 15 मई 2010 को बाबोसा इस दुनिया को अलविदा कह गए l ऐसे महापुरुष हमेशा अमर रहते है.

रविवार, 18 अक्टूबर 2015

आटा EGGLESS CINNAMON -दारचीनी CAKE

आटा EGGLESS CINNAMON CAKE

INGREDIENTS

Atta/Wheat flour – 2 cupsCinnamon – 2 teaspoonJaggery/Brown sugar – 2 cupsSoda bicarbonate – 1½ teaspoonBaking powder – ½ teaspoonCurd – 1 cupWater – ¾ cupCooking oil – ⅔ cupChopped nuts – for garnishing

INSTRUCTIONS

Preheat the oven to 200 degrees. Mix all the dry ingredients in a large bowl. Blend curd,water & oil in another bowl. Add the dry ingredients to the wet ingredients and blend well. Bring it into dripping consistency. Add more water if required. Finally add the chopped nuts. Oil the bottom of s baking dish and pour the batter to the prepared tin. Bake for half hour. It can be stored in fridge for more than a week. Enjoy it!Update: One of my readers, Sheen has tried this cake in microwave and it came out well for her.