*अहंकार*
मोमबत्ती और अगरबत्ती दो बहने थीं।
दोनों एक मन्दिर में रहती थीं।
बडी बहन मोमबत्ती हर बात में अपने को गुणवान
और अपने फैलते प्रकाश के प्रभाव में सदा अपने को
ज्ञानवान समझकर छोटी बहन को नीचा
दिखाने का प्रयास करती थीं।
अगरबत्ती सदा मुस्कुरायी रहती थीं। उस दिन
भी हमेशा की तरह पुजारी आया,दोनोँ को
जलाया और किसी कार्य वश मन्दिर से बाहर
चला गया।
तभी हवा का एक तेज़ झोका आया और
मोमबत्ती बुझ गई यह देख
अगरबत्ती ने नम्रता से अपना मुख खोला-'बहन,
हवा के एक हलके झोके ने तुम्हारे प्रकाश को समेट
दिया परंतु इस हवा के झोके ने मेरी सुगन्ध को
और ही चारों तरफ बिखेर दिया।
'यह सुनकर मोमबत्ती को अपने अहंकार पर
शार्मिन्दगी हुई।
आशाएं ऐसी हो जो-
मंज़िल तक ले जाएँ,
मंज़िल ऐसी हो जो-
जीवन जीना सीखा दे,
जीवन ऐसा हो जो-
संबंधों की कदर करे,
और संबंध ऐसे हो जो-
याद करने को मजबूर करदे
हम गरीब इतने है की अपनी ही सांसे भी हमारी नही..........
कैसी भी हो एक
बहन होनी चाहिये..........।
बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली.
छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली..........॥
बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली,
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली.........॥
छोटी हो या बड़ी,
छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन होनी चाहिये.......॥
बड़ी हो तो गलती पे हमारे कान खींचने वाली,
छोटी हो तो अपनी गलती पर साँरी भईया कहने
वाली.
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये....my alllll sweet dear friendssss good morning happy Rakhi....
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाए.
7pay commission encyclopedia of best messages jokes shayari GK चुटकुले शायरी सामान्य ज्ञान वेतन आयोग
शनिवार, 29 अगस्त 2015
अहंकार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें