जैन जन पवॅतिथी में ग्रीन सबजी कयुं नही खाते ?
----------------------
जैन लोगो में 5,8, 11,14 ये तिथी में ग्रीन सबजी नही खाते । कयों कि चंद्र हमारा ऐनटीना है।ये तिथी में पृथ्वी पर गुरुत्वाकषॅण में बडा बदलाव आता है।येसमय में पृथ्वी से चंद् और सुयॅ की स्थिति मेंबदलाव आने से ऊसकी जयादा असर हमारे शरीरमें 70 % रहे हूऐ पानी पे होती है।सबजी में भी 80%
पानी होता है।पूनम की तिथी पर समुद् में जो जवार (भरती) आती है ऐसी ही स्थिती हमारे शरीर में भी होती है। और हमारा मस्तक भी मदहोश हो जाता है । अग्नीतत्व मंद होता हैऔर वायुतत्व की बढोतरी होती है, वो मस्तक पर आने से कितनीसारी विकृतियाॅ पैदा
होती है। शदीॅ , जूकाम जैसी बिमारी इन्ही से होती है।ईसलिये ग्रीन सबजी नही खाने से जलतत्व पर कंट्रोल किया जा सकता है।जैन शास्त्र के अनुसार सबजी स्वादीष्ट होने से ऊस पर राग भी पेदा होता है। और जीवहींसा भी होती है।अत: रोग, राग और पाप से बचने के लिये जैन जन ये पवॅ तिथी में हरी सबजी नही खाते।
7pay commission encyclopedia of best messages jokes shayari GK चुटकुले शायरी सामान्य ज्ञान वेतन आयोग
बुधवार, 19 अगस्त 2015
जैन जन पवॅतिथी में ग्रीन सबजी कयुं नही खाते ?
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें