शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

PIL लगाने वाला शिक्षामित्र शिव कुमार पाठकबर्खास्त, याचिका पर HC ने कहा था- सरकारी स्कूल में पढ़ें अफसर-नेता के बच्च

PIL लगाने वाला बर्खास्त, याचिका पर HC ने कहा था- सरकारी स्कूल में पढ़ें अफसर-नेता के बच्चे

यूपी सरकार ने शिक्षामित्र शिव कुमार पाठक को बर्खास्त कर दिया है। सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल व्यवस्था को उजागर करने वाले पाठक की याचिका पर ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफसरों और नेताओं को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने आदेश जारी किया था।

बर्खास्त किए गए शिक्षामित्र शिव कुमार पाठक ने (बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बदला लेने के मकसद से उन्हें बर्खास्त किय़ा है।

बदले की भावना से कार्रवाई
याचिका दायर करने वाले शिक्षामित्र शिव कुमार पाठक का आरोप है कि इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने और कोर्ट के कार्यवाही करने के चलते बदले की भावना से उन्हें बर्खास्त किया गया है। हालांकि विभाग ने उन्हें इस आरोप को खारिज कर दिया है।    

शिक्षा विभाग की सफाई
शिव कुमार पाठक की बर्खास्तगी को लेकर घिरे बेसिक शिक्षा विभाग ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि शिव कुमार पाठक को लगातार 12 दिनों तक गैरहाजिर रहने की वजह से बर्खास्त किया गया है। विभाग ने बताया कि यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश से एक दिन पहले की गई है।

अफसर और नेता अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए जनप्रतिनिधियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों की संतानों को इन विद्यालयों में अनिवार्य रुप से पढ़ाने का आदेश दिया।

न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल ने शिवकुमार पाठक और अन्य की याचिका का आंशिक रुप से निपटारा करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि जब तक जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों और न्यायाधीशों की संतानें इन सरकारी विद्यालयों में अनिवार्य रूप से नहीं पढ़ेंगे तब

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें