शनिवार, 22 अगस्त 2015

Boycott chinese products

वर्ष - 1962, भारत-चीन युद्ध

==चीन==
सैनिक - 80,000
शहीद - 722
घायल - 1697

==भारत==

सैनिक - 10,000 से 12,000
शहीद - 1383
घायल - 1047
लापता - 1696
बंदी - 3968

परिणाम - भारत, चीन से हार गया…!

चीन अभी तक सुधरा भी
नहीं है।

लेकिन हमे क्या फर्क पड़ता है??

53 साल पहले की बात भूल कर हम तो चीनी सामान
खरीदेंगे...

.उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत
करेंगे !!

सैनिक तो होते ही मरने के लिए है !!

नेता बोल देते है.....

हमारा व्यवहार बोलता है !!

मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी सामान के ??

अगर नहीं.....

तो याद उन्हे भी कर
लो.....

जो लौट के घर ना आए…!!

और सीखो जापान जैसे देशो से……

काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था।

अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा की जो आपके यहाँ संतरा (orange) होता है
हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा
आपको दे सकते है,,

जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से आर्डर दे दिया।

जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा
(आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और जो अमेरिका वाला संतरा था वो खाने में अच्छा भी था। )

तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों
में आया तो किसी ने नहीं
खरीदा।

पता है क्यों नहीं खरीदा…!!

जापानी लोगो ने कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा और महंगा है।

पर है तो हमारे देश का ही।
हम इसे ही खरीदेंगे।

तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास पडा
पड़ा ही सड गया तो ये होती है राष्ट्रभक्ति मेरे भाइयो…!!

कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी…!!

जय हिन्द ।
जय भारत ।
भारत माता की जय।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें